गुरू पूर्णिमा पर मुस्लिम महिलाओं ने जगद्गुरु बालक देवाचार्य की आरती उतारी
बोली—गुरु और शिष्य की परम्परा में धर्म और जाति का भेद नहीं वाराणसी, 10 जुलाई (हि.स.)। गुरू वंदना के महापर्व गुरू पूणिमा पर गुरूवार को मुस्लिम महिलाओं ने नरहरपुरा औसानगंज स्थित रामानन्दी सम्प्रदाय के प्राचीन पातालपुरी मठ में पीठाधीश्वर जगद्गुरु बालक
मुस्लिम महिलाए जगद्गुरु बालक देवाचार्य की आरती उतारते हुए


बोली—गुरु और शिष्य की परम्परा में धर्म और जाति का भेद नहीं

वाराणसी, 10 जुलाई (हि.स.)। गुरू वंदना के महापर्व गुरू पूणिमा पर गुरूवार को मुस्लिम महिलाओं ने नरहरपुरा औसानगंज स्थित रामानन्दी सम्प्रदाय के प्राचीन पातालपुरी मठ में पीठाधीश्वर जगद्गुरु बालक देवाचार्य जी महाराज की आरती उतारी और तिलक लगाकर सम्मान किया।

इस अवसर पर जगदगुरु बालक देवाचार्य महाराज ने कहा कि रामपंथ एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है । जिससे लोगों में दया, प्रेम, करुणा, शांति, लोक कल्याण की भावना विकसित की जाती है। अखण्ड भारत भूमि पर रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति डीएनए, पूर्वज, परम्परा, संस्कृति से एक ही है। उसको अलग नहीं किया जा सकता। रामपंथ में सबका स्वागत है। किसी को न मना किया जा सकता है और न किसी से कोई भेद किया जा सकता है। धर्म और जाति के नाम पर भेद करने वाले कट्टरपंथी अब समाज को स्वीकार्य नहीं है। धर्म के नाम पर हिंसा करने वाले अधर्मी हैं। सभी को राम के रास्ते पर चलकर ही जीवन को श्रेष्ठ बनाना होगा। देश में धर्म पूछकर आतंकी गोली मार रहे हैं, जाति के नाम पर उपद्रव किये जा रहे हैं, वहीं काशी ने इस नफरत के माहौल में फिर से प्रेम, शांति और रिश्तों की एकता का संदेश पूरी दुनियां को दिया है।

कार्यक्रम में मुस्लिमों ने गुरुदीक्षा लेकर देश के लिए जीने की शपथ ली। दीक्षा पाकर शहाबुद्दीन तिवारी, मुजम्मिल, फिरोज, अफरोज, सुल्तान, नगीना, शमशुनिशा बहुत खुश थे। शहाबुद्दीन तिवारी ने कहा कि हमारे पूर्वज रामपंथी थे, इसी मठ के अनुयायी थे। भले ही हमारी पूजा पद्धति बदल गयी है लेकिन हमारे पूर्वज, परम्परा, रक्त और संस्कृति नहीं बदल सकती। नौशाद अहमद दूबे ने कहा कि गुरु पीठ के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि राम के रास्ते पर चलकर ही विश्व में शांति आ सकती है। गुरु के बिना राम तक नहीं पहुंचा जा सकता है।

जगद्गुरु बालक देवाचार्य जी महाराज ने आदिवासी समाज के बच्चों को दीक्षित कर संस्कृति के प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी। मुस्लिम समाज के लोगों को भी कहा भारत की महान संस्कृति को दुनियां के कोने-कोने तक पहुंचाएं और अपने पूर्वजों से जुड़े। इस अवसर पर रामपंथ के पंथाचार्य डॉ राजीव श्रीगुरुजी, रामाचार्य ज्ञान प्रकाश जी, धर्म प्रवक्ता डॉ० कवीन्द्र नारायण, डॉ अर्चना भारतवंशी, डॉ नजमा परवीन, आभा भारतवंशी, डॉ० मृदुला जायसवाल आदि की भी मौजूदगी रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी