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प्रो.पूनम कुमारी सिंह
देश के किसी भी कोने में चुनाव हो, वहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद जिस राजनेता की सबसे ज्यादा डिमांड होती है, वह हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ I क्या है योगी के व्यक्तित्व में जो उन्हें जनता के बीच इतना लोकप्रिय बनता है? आइए 05 जून को उनके जन्मदिन के अवसर पर उनकी लोकप्रियता को डिकोड करने की कोशिश करते हैं I सबसे पहले तो आकर्षण का केंद्र है-उनकी वेशभूषा और योगी जीवन I आमतौर पर योगी नाम लेते ही लोगों के मन में समाज से विरत एकांतवासी व्यक्ति की छवि सामने आती है, लेकिन योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए रात दिन काम करने वाले व्यक्ति हैं, विरागी हैं लेकिन उत्तर प्रदेश और देश की जनता उनके प्राणों में बसती है I अपरिग्रही हैं लेकिन उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अहर्निश प्रयासरत हैं –इन सब ने मिलकर योगी की छवि को लोगों में अत्यंत लोकप्रिय बना दिया है I
वैसे देखा जाए तो लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण देश के राज्यों में उत्तर प्रदेश का हर मापदंड पर त्वरित गति से विकास है, इसीलिए आज उत्तर प्रदेश मॉडल की बात की जा रही है I यह अचानक या अनायास नहीं हो गया है I योगी ने उत्तर प्रदेश को आशीष बोष द्वारा अस्सी के दशक में दिए गए बीमारू राज्य की श्रेणी जो कमोबेश 2017 मार्च तक विद्यमान रही, से बाहर निकाल भारत के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में ला दिया है I अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा, यदि भारत दुनिया में चमक बिखेर रहा है, तो उसमें उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका है। आज उत्तर प्रदेश सुशासन, शांति, कानून व्यवस्था और स्थिरता के लिए जाना जाता है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए यूपी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अपनी 'सोच और एप्रोच' में भी बदलाव किया है।
सच पूछा जाए तो योगी ने भी उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा है I विकास के हर पैमाने पर- चाहे वह सकल राज्य घरेलू उत्पाद हो या निवेश, आधारभूत संरचना हो या कानून और व्यवस्था, गरीब कल्याण हो या चिकत्सीय सुविधाएं, महिला सशक्तिकरण हो या कृषि और किसानों की स्थित में सुधार-अप्रत्याशित प्रगति दिखाई दे रही है I यदि रोजगार से शुरुआत करें तो आज उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 96 लाख एमएसएमई संचालित हो रहे हैं। युवाओं को रोजगार प्रदान करने में इनकी बड़ी भूमिका है I 2016-17 में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर 19 प्रतिशत थी जो अब घट कर 3 प्रतिशत रह गई है I पहले उत्तर प्रदेश से युवाओं का पलायन चरम पर था। आज जीवनयापन हेतु उन्हें प्रदेश में ही योग्तानुरूप रोजगार मिल रहा है I पिछले आठ वर्षों में 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं I अगले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश को जीरो पॉवरटी स्टेट बनाने के लिए योजनानुसार हर कदम उठाए जा रहे हैं I
वैसे तो अभी भी अपने देश में व्यापार अथवा निवेश के नियम बहुत दुरूह हैं। 2014 के बाद से मोदी के नेतृत्व में इसे काफी लचीला बनाया गया है I ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 2016-17 में उत्तर प्रदेश जहां 12वें स्थान पर था, आज वह दूसरे स्थान पर है I सकल राज्य घरेलू उत्पाद की दृष्टि से महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है I एशिया का सबसे बड़ा एअरपोर्ट जेवर में बन रहा है I 2017 में जहां उत्तर प्रदेश में मात्र चार एअरपोर्ट थे ,उनकी संख्या आज बढ़ कर 16 हो गई है I उत्तर प्रदेश का कोई भी जिला ऐसा नहीं जो एक्सप्रेस-वे से जुड़ा न हो। देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच है I अच्छी सड़कों और बेहतरीन इन्फ्रॉस्ट्रक्चर के लिए उत्तर प्रदेश देश में एक मिसाल बन गया है I
आज दुनिया की हर शीर्ष कम्पनी उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहती है I योगी सरकार ने प्रदेश में छुपे पर्यटन की तमाम सम्भावनाओं को साकार कर उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का एपी सेंटर बना दिया है I काशी कारीडोर, बौद्ध सर्किट, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ,विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम,मां शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों का विकास एवं सौन्दर्यकरण न केवल एक नए उत्तर प्रदेश से हमारा परिचय कराता है बल्कि यह राज्य राजस्व का प्रमुख स्रोत भी बन गया है I महाकुंभ के सफल आयोजन और विश्व के कोने-कोने से लगभग 67 करोड़ श्रद्धालुओं के सक्रिय भागीदारी ने आर्थिक विशेषज्ञों को धार्मिक पर्यटन और आर्थिकी के अन्तर्सम्बन्धों पर पुनर्विचार के लिए विवश कर दिया है I
उत्तर प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाने की दिशा में योगी की विकास की तमाम नीतियां उनके व्यक्तित्व का एक और ध्यानाकर्षक पहलू हैं, जिस पर बात किए बिना योगी की लोकप्रियता की चर्चा अधूरी होगी I 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ 1998 से लेकर 2017 तक पांच बार गोरखपुर से सांसद चुने गए I ध्यान देने की बात है कि प्रत्येक बार उनके जीत का अंतर बढ़ता ही गया। सांसद रहते हुए उन्होंने गोरखनाथ पीठ की परम्परा के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। जबरन धर्मांतरण कराए गए हजारों मतान्तरित हिन्दुओं की उन्होंने ससम्मान घर वापसी कराई तथा गोसेवा के लिए आम जनमानस को जागरूक करके गोवंशों का संरक्षण एवं सम्वर्धन करवाया।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय समाज विरोधी एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ वे सड़क से संसद तक जूझते रहे। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा पर वह पीछे नहीं हटे। इनके द्वारा 2002 में स्थापित हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़ कर लाखों युवाओं ने हिन्दू पुनर्जागरण अभियान में अपना सक्रिय योगदान दिया । बहुआयामी प्रतिभा के धनी आदित्यनाथ, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में अनवरत लगे रहे। इन गतिविधियों से हिन्दुत्व के फायरब्रांड के रूप में उनकी पहचान बनती चली गई। सांसद के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी साख़ का लोहा मनवा चुके आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले ही देशभर में जाने जाने लगे थे। 2017 में भी मुख्यमंत्री बनने के पश्चात योगी ने स्पष्ट कहा कि “सबका साथ सबका विकास पर तुष्टीकरण किसी का नहीं” I
उत्तर प्रदेश की पूर्व सरकारों से अलग योगी ने तुष्टीकरण की बजाए विकास की राजनीति को तरजीह दी I योगी के नीतियों और कार्यशैली की असल अग्निपरीक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव में हुई क्योंकि पिछले 35 सालो के दरम्यान उत्तर प्रदेश में कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी दल ने लगातार सत्ता में दुबारा वापसी की हो। लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता ने जातीय और तुष्टीकरण की राजनीति को ठुकरा कर योगी के विकास मॉडल को अपनाया और योगी को पुन: मुख्यमंत्री के पद पर आसीन किया I आज योगी आदित्यनाथ महज एक मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि एक ब्रांड का नाम बन चुका है I ब्रांड-हिन्दू होने पर गर्व का, विश्वसनीयता का, अनुशासन का, कथनी और करनी में एका का,कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने का, देशी-विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का और उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अहर्निश काम करने का I
(लेखिका, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद