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- व्यापक नुकसान के कारण ही पाकिस्तान के पास नहीं बचा था युद्धविराम के अलावा कोई विकल्प
नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने उन पाकिस्तानी ठिकानों को भी निशाना बनाया था, जिनके बारे में हवाई हमलों के बाद भारतीय वायु सेना या डीजीएमओ ने नहीं बताया था। पाकिस्तान ने 18 मई को कई देशों को सौंपे गए अपने डोजियर में माना है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों से पाकिस्तान में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है।डोजियर में साफ तौर पर दिखाया गया है कि भारत ने पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर पर हमला किया।
पाकिस्तान के एक आधिकारिक डोजियर से पता चला है कि भारत ने अपने बताए गए लक्ष्यों की तुलना में कम से कम सात अधिक लक्ष्यों पर हमला किया। डोजियर के नक्शों में पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, बहावलनगर, अटॉक और चोर पर हमले दिखाए गए हैं। पिछले महीने हवाई हमलों के बाद प्रेस वार्ता में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक ने इन स्थानों का नाम नहीं लिया था। नए रहस्योद्घाटन से पता चलता है कि भारत ने जितना स्वीकार किया था, उससे कहीं अधिक अंदर तक हमला किया था। इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए पाकिस्तान ने भारत से संपर्क करके युद्ध विराम का अनुरोध किया।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 सैलानियों में विधवा हुई महिलाओं के उजड़े सुहाग को ध्यान में रखते हुए 6/7 मई की आधी रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। भारत ने बिना सीमा पार किए हैमर, स्कल्प और मिसाइलों से पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी शिविरों पर हमला करके जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत ने हवाई हमलों के बाद इसकी अधिकृत जानकारी भी दी थी। मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने भी उपग्रह इमेज जारी करके ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान सटीक हमलों से हुए नुकसान का खुलासा किया था, लेकिन अब पाकिस्तान के डोजियर से नए खुलासे हुए हैं।
भारत ने बताया था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र सहित नौ स्थानों पर हमला किया गया। 7 मई के हमलों में लक्षित अन्य स्थानों में मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल शामिल थे। इसके अलावा ग्यारह हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कारू, भोलारी और जैकोबाबाद शामिल हैं। भारी नुकसान के कारण पाकिस्तान के पास युद्ध विराम के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा, जिससे तीन दिनों से जारी तनाव समाप्त हो गया।
अब पाकिस्तान के डोजियर से पता चलता है कि भारत ने जितना स्वीकार किया है, उससे कहीं अधिक गहराई से और कठोर हमले किये गए थे। पाकिस्तानी डोजियर के मानचित्रों में प्रमुख शहरों जैसे पेशावर, झंग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, गुजरांवाला, बहावलनगर, अटॉक और चोर पर भारतीय हमले दिखाए गए हैं, जिनका उल्लेख 7 मई के जवाबी हमले के बाद प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय वायु सेना या सैन्य संचालन महानिदेशक ने नहीं किया था। पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ड्रोन अटैक में अपने कई एयरबेस को हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी है। डोजियर में कम से कम आठ अतिरिक्त भारतीय हवाई हमलों का उल्लेख किया गया है, जिनका भारतीय रक्षा अधिकारियों ने पहले खुलासा नहीं किया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम