Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 3 जून (हि.स.)। अब मेडिकल प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों से सीधे मिलने की अनुमति नहीं होगी। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने केंद्र सरकार के अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अस्पताल परिसर में मेडिकल प्रतिनिधियों को अनुमति न दें। इसका मकसद, दवा कंपनियों और मेडिकल पेशेवरों के बीच आपसी सांठगांठ पर लगाम लगाने के साथ मरीजों को लंबे इंतज़ार से बचाना है। कई बार देखा जाता है कि फार्मा प्रतिनिधि काफी देर तक चिकित्सकों से बात करते हैं, जिससे काम प्रभावित होता है और कई बार मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है।
28 मई को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा आदेश में सभी सरकारी अस्पतालों को मेडिकल प्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया कि अगर दवा कंपनियां नए उपचार या चिकित्सा शोध के बारे में जानकारी साझा करना चाहती हैं तो उन्हें ईमेल या अन्य डिजिटल मीडिया के माध्यम से ऐसा करना होगा। 28 मई को जारी आदेश में सरकारी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को नई नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
--------
हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी