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हावड़ा, 03 जून (हि. स.)। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), हावड़ा द्वारा एक समग्र पशु स्वास्थ्य शिविर और प्राक-खरीफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को खदरघाट गांव में किया गया। कार्यक्रम की जानकारी मंगलवार को केंद्र के प्रवक्ता ने दी। हिन्दुस्थान समाचार को उन्होंने बताया कि इस पहल में पश्चिम बंगाल सरकार के पशुपालन संसाधन विकास विभाग के ब्लॉक पशुधन विकास कार्यालय ने सहयोग किया।
इस शिविर में खदरघाट, निचबालिया और गरबालिया गांवों से लगभग 150 ग्रामीण अपने पशुओं के साथ भाग लेने पहुंचे। स्थानीय प्राणी मित्रों और जगतबल्लभपुर ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारियों की मदद से बड़ी संख्या में गायों और बकरियों का स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण और आवश्यक उपचार किया गया। साथ ही पशुपालकों को नि:शुल्क पशु चिकित्सा दवाएं वितरित की गईं और उन्हें उन्नत पशुपालन पद्धतियों की जानकारी दी गई ताकि पशुओं के स्वास्थ्य के साथ दुग्ध उत्पादन में भी सुधार हो सके।
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के निदेशक डॉ. प्रदीप डे ने इस अवसर पर कहा कि ग्रामीण समृद्धि का मार्ग पशुधन देखभाल, मौसमी फसल योजना और प्राकृतिक संसाधनों के समावेशी प्रबंधन से होकर गुजरता है। उन्होंने केवीके हावड़ा की इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अभियान की मूल भावना को धरातल पर लागू करने में सहायक हैं। डॉ. डे ने समेकित पशुपालन प्रबंधन, जूनोटिक रोगों की रोकथाम, स्वच्छता और बायो-सिक्योरिटी उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
इस कार्यक्रम का समन्वय केवीके हावड़ा के प्रमुख डॉ. के. बारुई ने किया, जिन्हें स्थानीय किसानों ने उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि केवीके हावड़ा किसानों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए निरंतर विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
शिविर में केवीके वैज्ञानिकों ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की, किसानों को प्राक-खरीफ कृषि सलाह दी और उन्हें तकनीकी पुस्तिकाएं तथा विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की जानकारी भी दी।
इसके अलावा, राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान और राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग योजना ब्यूरो के विशेषज्ञों ने टिकाऊ कृषि पद्धतियों और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर उपयोगी सुझाव साझा किए।
प्रवक्ता के अनुसार, इस तरह के समेकित कार्यक्रम न केवल किसानों के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करते हैं, बल्कि विकसित कृषि संकल्प अभियान की भावना को भी मजबूती प्रदान करते हैं। यह पहल किसानों को तकनीकी सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं और योजनाओं की जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करती है। प्रतिभागी किसानों ने इस समयानुकूल और बहुपक्षीय पहल के प्रति संतोष व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर