बैटरी अनुसंधान में राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा आईआईटी बीएचयू, 55 करोड़ का मिला अनुदान
फोटो प्रतीक


—देश के चुनिंदा सात ई-नोड्स में आईआईटी बीएचयू का चयन

—थल और वायु परिवहन के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों के समाधान पर होगा अनुसंधान

वाराणसी,18 जून (हि.स.)। भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (आईआईटी बीएचयू) को एक बार फिर बड़ी उपलब्धि मिली है। अनुसंधान राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) केन्द्र सरकार ने अपने इलेक्ट्रिक वाहनों पर उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों की उन्नति के लिए मिशन (एमएएचए-ईवी) के तहत सहायता के लिए पूरे देश में सात प्रमुख नोडल केंद्र (ई-नोड्स) में आईआईटी बीएचयू को भी चयनीत किया है। यह प्रस्ताव देशभर से प्राप्त 227 प्रस्तुतियों में से चुना गया है। इसके अंतर्गत संस्थान अब एक राष्ट्रीय सुविधा का नेतृत्व करेगा । जिसका उद्देश्य बैटरियों के क्षरण और उसके समाधान का अध्ययन करना है ,ताकि सुरक्षित, टिकाऊ और कुशल चार्जिंग क्षमता वाली बैटरियाँ विकसित की जा सके। यह मिशन टे-मोबिक्स (ट्रॉपिकल ई-मोबिलिटी एक्सेलेंस) नाम से संचालित किया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से संस्थान ने 55 करोड़ रूपये का प्रतिस्पर्धी अनुसंधान अनुदान प्राप्त किया है। इस अनुदान के माध्यम से संस्थान में एक राष्ट्रीय बैटरी अनुसंधान सुविधा (नेशनल फैसिलिटी फॉर बैटरी रिसर्च) की स्थापना की जाएगी। बैटरी डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रो. अमित पात्रा ने इस प्रस्ताव का नेतृत्व किया, जिसमें देश के चार प्रमुख संस्थानों आईआईटी (बीएचयू), आईआईटी खड़गपुर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और आईसीटी मुंबई के संकाय सदस्यों ने भागीदारी की।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने भारत सरकार का आभार जताते हुए बताया कि आईआईटी (बीएचयू) एक ऐसी विशिष्ट राष्ट्रीय सुविधा विकसित करने की योजना बना रहा है, जो बैटरी अनुसंधान की संपूर्ण श्रृंखला-कच्चे माल से लेकर जल, थल और वायु परिवहन के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों के समाधान तक को कवर करेगी। यह मिशन भारत के नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी एंड एनर्जी स्टोरेज, सतत विकास लक्ष्य के अनुरूप है। इसके साथ ही यह स्थानीय नवाचार, कौशल विकास और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा।

संस्थान की कोर टीम के परियोजना अन्वेषक प्रोफेसर आर के सिंह ने बताया कि टे-मोबिक्स का मुख्य उद्देश्य भारत की उष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुसार बैटरी की कार्यक्षमता, सुरक्षा और आयु को बेहतर बनाना है। आईआईटी (बीएचयू) से इस परियोजना की प्रमुख टीम में प्रो. आर. के. सिंह और डॉ. वी. एन. लाल (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), तथा डॉ. आबिर घोष और डॉ. देबदीप भंडारी (केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) शामिल हैं। अन्य प्रमुख सहयोगी में प्रो. आर. के. मोहंती (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), डॉ. उदिता उदय घोष और डॉ. सतरूपा दत्ता (केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी), डॉ. रोज़ी (केमिस्ट्री), डॉ. प्रौद्युत धर (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), डॉ. अनुभव सिन्हा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), अग्निवेश पी. (सिविल इंजीनियरिंग) और डॉ. ए. के. मिश्रा (मैटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी) हैं। यहां उल्लेखनीय है कि चयनित सात ई-नोड्स में से दो ट्रॉपिकल ईवी बैटरी और सेल प्रौद्योगिकियों (टीवी- I) पर ध्यान केंद्रित करेंगे, तीन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनों और ड्राइव्स (टीवी- II) पर काम करेंगे और शेष दो ई-नोड्स (टीवी- III) के तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी