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जींद, 16 जून (हि.स.)। जींद क्षेत्र में एक महिला ने अपने प्रेमी देवर के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया। महिला ने अपने प्रेमी देवर को पहले से ही झाडिय़ों के पास बैठाया हुआ था और वह लघु शंका के बहाने पति को रेलवे लाइन के नजदीक ले गई और वहां पर प्रेमी तथा महिला ने मिलकर उस पर हमला कर दिया और चाकू तथा ईंट पत्थर के साथ वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। रेलवे थाना पुलिस ने महिला और उसके प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि गत 13 जून की शाम को राजकीय रेलवे पुलिस को सफीदों के गांव जयपुर के नजदीक रेलवे लाइन के साइड में एक शव मिला था। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर के बड़ौदा गांव निवासी साजिद के रूप में हुई। मृतक साजिद के भाई गुलजार ने पुलिस को शिकायत देते हुए बताया था कि 10 जून को उसका भाई संदिग्ध परिस्थितियों में घर से गायब हो गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो शक की सूई पत्नी कुलफसा पर ही घूमती नजर आई। इसके बाद घटना स्थल पर वारदात के समय दो मोबाइल नंबर एक्टिव मिले। जिसमें एक नंबर मृतक की पत्नी कुलफसा का था।
इस पर पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि पति के चचेरे भाई मोहम्मद खालिद के साथ उसका तीन साल से अफेयर था और उसी के साथ मिलकर पति को मारा है। कुलफसा ने बताया कि 10 जून को उसने मोहम्मद खालिद को उत्तर प्रदेश से बुला लिया। इसके बाद उसे रेलवे लाइन के पास झाडिय़ों में बैठा दिया। रात को उसने अपने पति साजिद से कहा कि उसे शौच के लिए जाना है इसलिए साथ चल पड़े। उसका पति झाडिय़ों की तरफ उसके साथ चला गया। वहां पर पहले से ही मौजूद मोहम्मद खालिद और उसने मिलकर साजिद पर चाकू से हमला कर दिया। पेट में चाकू लगने के बाद साजिद वहीं पर गिर गया। इसके बाद डंडे, पत्थरों के साथ उसे मार दिया।
रेलवे थाना प्रभारी श्याम सिंह ने बताया कि जहां पर हत्या की गई थी, वहां पर पुलिस को मृतक की पत्नी कुलफसा और मोहम्मद खालिद के मोबाइल नंबरों की लोकेशन मिली थी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कुलफसा को गिरफ्तार कर लिया था। मोहम्मद खालिद को गिरफ्तार करने के लिए इंस्पेक्टर श्याम सिंह के नेतृत्व में एएसआई हरिओम, एएसआई कविता, एलएचसी संदीप कौर, एलएचसी मुकेश, रिंकी, आशु मलिक, जिले सिंह की टीम बनाई गई और दूसरे आरोपी को गांव से ही काबू कर लिया। पुलिस ने 72 घंटे में ही मामले को सुलझा दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा