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लखनऊ,14 जून (हि.स.)। रक्तदान को बढ़ावा देने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मनाने की शुरूआत 2004 में हुई थी। 2025 की थीम है 'रक्त दें उम्मीद दें' साथ मिलकर जीवन बचायें। अभी भी समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता का अभाव है। वहीं महिलाएं तो रक्तदान करने से हिचकती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक स्वस्थ महिला रक्तदान कर सकती हैं। अगर महिला एनीमिया से पीड़ित नहीं है और रक्तदान से पहले उस महिला का हीमोग्लोबिन 12.5 है तो वह रक्तदान कर सकती है।
डॉक्टर के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष हर 2-3 महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है। महिलाएं हर 3-4 महीने में ब्लड डोनेट कर सकती हैं। इससे शरीर पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है, बल्कि इससे नई रक्त कोशिकाएं बनने में मदद मिलती है।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ब्लड बैंक प्रभारी डा.तूलिका चन्द्रा ने बताया कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 3.30 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है लेकिन मात्र ढाई लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है। ओ पॉजिटिव और बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप की मांग सबसे ज्यादा रहती है। इसके बाद ए पॉजिटिव और फिर आरएच निगेटिव ब्लड ग्रुप की डिमांड आती है।
डा. तूलिका ने बताया कि आरएच निगेटिव ग्रुप के रक्तदाता बहुत कम संख्या में आते हैं। इसकी वजह से इस ब्लड ग्रुप की हमेशा कमी बनी रहती है।
ये लाेग कर सकते रक्तदान
रक्तदान के लिए उम्र 18 वर्ष से 65 वर्ष होनी चाहिए।
रक्तदाता का वजन 45 किलो से ऊपर होना चाहिए।
रक्तदाता के हीमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 12.5 ग्राम डीएल हो।
रक्तदान करने वाले व्यक्ति को कोई बीमारी न हो।
पिछले 24 घंटे में भारी दवा या शराब का सेवन न किया हो।
स्वस्थ व्यक्ति हर 2—3 महीने में रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान के बाद क्या न करें
रक्तदान के तुरंत बाद शारीरिक श्रम न करें।
शराब और धूम्रपान से बचें।
गर्म पानी से न नहायें।
लंबे समय तक खड़े न रहें।
ज्यादा भोजन करने से बचें।
खूब पानी का सेवन करें।
रक्तदान के बाद थोड़ी देर आराम करें।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन