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श्योपुर, 14 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में शनिवार को दोपहर में मोरका गांव वनभूमि से अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम पर आदिवासियों ने हमला कर दिया। जेसीबी समेत कई सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई। हमले में चार वनकर्मी घायल हो गए। टीम को जान बचाकर वहां से भागना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, श्योपुर जिले के टर्रा-ओछापुरा रोड स्थित वन क्षेत्र में करीब 500 बीघा वनभूमि की जमीन पर अवैध कब्जा था। इसे हटाने के लिए शनिवार को दोपहर में वन विभाग की टीम पहुंची थी। वहां पहले से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। टीम के पहुंचते ही महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध के दौरान ग्रामीणों ने एक झोपड़ी में आग लगा दी। हालांकि, वन विभाग का कहना है कि कार्रवाई रुकवाने के लिए ग्रामीणों ने जान-बूझकर झोपड़ी में आग लगाई। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि आग प्रशासनिक टीम ने लगाई, जिसमें उनका घरेलू सामान था।
इसके बाद ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने पर पहुंची टीम पर पथराव कर दिया। हमले में डिप्टी रेंजर गणपत आदिवासी के अलावा तीन वनकर्मी मनोज कुमार आदिवासी, वीतेंद्र सिंह राजपूत और धीरज सक्सेना को चोट लगी है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। रेंजर पवन कुमार शर्मा की रिपोर्ट पर डुम्मा आदिवासी, गुरुदयाल आदिवासी, पवन और रामविलास के साथ ही 30-40 अज्ञात के खिलाफ रघुनाथपुर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
डीएफओ सामान्य वनमंडल श्योपुर केएस रंधा ने कहा कि सामान्य वनमंडल कि जमीन पर अतिक्रमण हटाने गए थे। फारेस्ट और पुलिस की संयुक्त टीम भी मौजूद थी। अतिक्रमणकारी पहले से हमले कि योजना बनाकर बैठे थे। रघुनाथपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
एसडीओ इंदर सिंह धाकड़ ने बताया कि पिछले तीन साल से ग्रामीण वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर झोपड़ी बना रहे थे। जिन्हें पिछले साल प्रशासन ने हटवाया था। इसके बावजूद उन्होंने दोबारा झोपड़ी बना ली। इसे लेकर 2 महीने पहले उन्हें नोटिस दिया गया था। लेकिन ग्रामीणों ने जमीन को खाली नहीं किया था।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर