हिसार : गैर कॉर्पोरेट संस्थाएं कर सकती बेहतर कार्य : सीए अमन बंसल
एनआईआरसी हिसार ब्रांच के चेयरमैन अमन बंसल व मुख्य वक्ता सीए संगम अग्रवाल व सीएस संतोष पांडे दीप प्रज्ज्वलित करते हुए।


एनआईआरसी हिसार ब्रांच ने गैर कॉर्पोरेट संस्थाओं के वित्तीय विवरण का प्रारूप और फास्ट ट्रैक विलय पर आयोजित किया सेमिनारहिसार, 14 जून (हि.स.)। चार्टर्ड अकाउंटेंट की संस्था एनआईआरसी हिसार ब्रांच की ओर से गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में सेमिनार आयोजित करके वित्तीय विवरण के प्रारूपों पर विस्तार से चर्चा की गई। गैर कॉर्पोरेट संस्थाओं के वित्तीय विवरण का प्रारूप और फास्ट ट्रैक विलय पर आधारित इस सेमिनार में सराहनीय उपस्थिति रही। एनआईआरसी हिसार ब्रांच के चेयरमैन सीए अमन बंसल ने शनिवार काे बताया कि सेमिनार में सीए संगम अग्रवाल व सीएस संतोष पांडे मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इन वक्ताओं ने गैर कॉर्पोरेट संस्थाओं के वित्तीय विवरण के प्रारूप को स्पष्ट किया और प्रश्नों के जवाब देकर प्रारूप के विविध आयाम साझा किए। मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके विधि-विधान से सेमिनार की शुरुआत की गई। इस अवसर पर सीए अमन बंसल ने मुख्य वक्ताओं को पौधे भेंट करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। अमन बंसल ने कहा कि यह सेमिनार नॉन कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ और इसमें काफी कुछ नया समझने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि गैर कॉर्पोरेट संस्थाएं वित्तीय विवरण के नए प्रारूप को समझकर बेहतर कार्य कर सकती हैं। इस दौरान एनआईआरसी हिसार ब्रांच के वाइस चेयरमैन सीए अजय गोयल, सचिव सीए मुकुल मित्तल, कोषाध्यक्ष सीए राजेश कुमार, हिसार एनआईसीएएसए के चेयरमैन सीए विशेष भारद्वाज, कार्यकारी सदस्य सीए सुनील कुमार सहित स्थानीय इकाई के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।हिसार ब्रांच के चेयरमैन सीए अमन बंसल ने स्पष्ट किया कि गैर कॉर्पोरेट संस्थाओं की बैलेंस शीट प्रारूप में गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों को सुनिश्चित करने के लिए बहुत सी विशेषताएं शामिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि नया प्रारूप वित्तीय विवरणों में एक समान संरचना लाता है, जिससे यह सभी गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं में एकरूप बना रहता है। बैलेंस शीट को बेहतर तरीके से संरचित और सरल बनाया गया है। प्रारूप यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय विवरण विभिन्न गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं में तुलनीय हों ताकि हितधारक बेहतर निर्णय ले सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर