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- राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने उज्जैन में ली समीक्षा बैठक, कहा- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए वृहद स्तर पर जागरुकता फैलाने की आवश्यकता
उज्जैन, 13 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. अर्चना मजूमदार ने कहा कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए वृहद स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। हाल में हुए इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए प्री मैरिटल और पोस्ट मैरिटल काउंसलिंग सेंटर स्थापित किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। वर्तमान में देशभर में 80 स्थानों पर प्री-पोस्ट मैरिटल काउंसलिंग सेंटर स्थापित किये जा चुके हैं, जिनके द्वारा विवाह के तीन माह पहले से लेकर विवाह के एक साल तक लड़का और लड़की की काउंसिलिंग की जाती है।
डॉ. मजूमदार शुक्रवार को उज्जैन में विभिन्न शासकीय योजनाओं में महिला लाभार्थियों की प्रगति और महिलाओं-बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में नैतिक मूल्य गिर रहे हैं। हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है कि इस प्रकार की मानसिकता को बदलने के लिए ठोस कदम उठाएं और दहेज प्रथा को पूर्ण रूप से बंद करने के लिए लोगों की मानसिकता को बदलकर इस कुप्रथा के प्रति अधिक से अधिक जागरुक करें। बैठक में गुरुवार को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में मारे गए यात्रियों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा गया।
डॉ. अर्चना मजूमदार ने कहा कि उनके द्वारा गत दिवस उज्जैन में केंद्रीय जेल के महिला वार्ड और सेवाधाम आश्रम का भ्रमण किया गया है। सेवा धाम आश्रम में लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें शीघ्र जिला चिकित्सालय में भर्ती कर उचित उपचार कराया जाए। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आश्रम में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। आश्रम में रह रहे सीनियर सिटीजन का विशेष ध्यान रखें।
किशोरी बालिकाओं के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बालिकाओं का स्कूल ड्रॉप आउट न हो, उन्हें सोशल मीडिया के कुप्रभाव से बचाया जाए। कानून द्वारा निर्धारित उम्र में ही बालिकाओं का विवाह हो। ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह न हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं। बालिकाओं को उच्च शिक्षा एवं करियर के प्रति जागरूक किया जाए। साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर लॉ का सख्ती से पालन करवाया जाए।
जिला पंचायत की सीईओ जिला जयती सिंह ने कहा कि डॉ. मजूमदार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। एडीशनल एसपी पल्लवी शुक्ला ने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम किए जाने के लिए जिले में संचालित की जा रही गतिविधियों के बारे में डॉ. मजूमदार को अवगत कराया कहा कि जिले के 29 थानों में महिलाओं-बालिकाओं से सम्बंधित अपराधों में प्रथम केन्द्र बिन्दु के रूप में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क स्थापित है। ऊर्जा महिला डेस्क में महिला पदस्थ अधिकारी फरियादि की समस्या की सुनवाई कर त्वरित निराकरण किया जाता है।---------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर