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- भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने इंदौर में जल शक्ति अभियान की समीक्षा
इंदौर, 13 जून (हि.स.)। भारत सरकार के जल शक्ति अभियान के संयुक्त सचिव कुणाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को इंदौर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित जल संरक्षण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में केन्द्रीय संयुक्त सचिव कुणाल ने कहा कि भूजल संपदा का संरक्षण और संवर्धन वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। इंदौर में इस दिशा में किए जा रहे प्रयास प्रभावी और सराहनीय हैं।
केन्द्रीय संयुक्त सचिव ने बैठक में पौधरोपण को जन-आंदोलन बनाने, जैव विविधता पर विशेष फोकस रखने और युवाओं को सघन पौधरोपण कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के विकास की भी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना की राशि का उपयोग इन सुविधाओं के विकास हेतु किया जा सकता है, और इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम के अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, वनमण्डलाधिकारी प्रदीप मिश्रा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार उदिया, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
नगर निगम के अपर आयुक्त सिसोनिया ने बताया कि इंदौर शहर में भूजल व सतही जल के संरक्षण के लिए कैच द रेन अभियान चलाया जा रहा है। शहर में रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग , पुराने कुएं और बावड़ियों के जीर्णोद्धार के कार्य प्रमुखता से किये जा रहे हैं। जल शक्ति अभियान-कैच द रेन के तहत इंदौर नगर निगम द्वारा विशेष पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि शहर में वर्ष 2019 से भूजल प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत घरों की छतों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना के शुरूआत की गई। अभी तक इंदौर में एक लाख 40 हजार घर की छत वर्षा जल संचयन से जुड़े हुई हैं। विभिन्न विकेन्द्रीकृत एसटीपी से उपचारित जल का बागवानी, निर्माण और अन्य गैर घरेलू उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा आरडब्ल्यूएच संरचना की निगरानी और जियोटैग करने के लिए एक समर्पित ऐप विकसित किया गया है। शहर में 1500 वर्ग फीट से अधिक छत वाले घरों में आरडब्ल्यूएच संरचना स्थापित करना अनिवार्य है, नगर निगम इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है। विभिन्न सीएसआर भागीदार इस पहल में शामिल हुए हैं और फिल्टर और रिचार्ज शाफ्ट के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध करा रहे हैं। जन भागीदारी और जागरूकता के लिए नगर निगम द्वारा व्यापक आईईसी अभियान चलाया जा रहा है।
जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन ने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है और इसमें जनभागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि अभियान में ग्रामीणों के सहयोग से विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्तमान में इन्दौर जिले में जल गंगा अभियान के अन्तर्गत 645 खेत तालाब, 800 डग वेल रिचार्ज, 12 बावड़ी जीर्णोद्धार, 1100 रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के साथ 11 अमृत सरोवर पर कार्य हो रहा है। पिछले वर्ष 2024 में जिले में 101 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया इस बार लक्ष्य बढ़ाकर कार्य किया जा रहा है। इन्दौर जिले के 43 ग्राम पंचायतों में तालाबों का गहरीकरण कार्य किया जा रहा जिससे 2300 कृषकों को लाभ हुआ। मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक हितग्राही मूलक वृक्षारोपण किये गए जिसमें इन्दौर जिले में 3 लाख से अधिक पौधे रोपित किये गए और आने वाले समय में इस वर्ष 10 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार उदिया ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर जिले के लगभग सभी गांवों में हर घर तक नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। उन्होंने जल आपूर्ति व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए इंदौर जिले में नवाचार के तहत ऑटोमेशन पद्धति के संबंध में जानकारी दी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर