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जम्मू, 13 जून (हि.स.)। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू के कुलपति प्रो. संजीव जैन, जो भारतीय शिक्षण मंडल के जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख प्रांत अध्यक्ष भी हैं ने 13 से 15 जून तक हैदराबाद (भाग्यनगर) के कान्हा शांति वनम् में आयोजित अखिल भारतीय प्रांत प्रमुख बैठक में भाग लिया। इस बैठक का उद्घाटन त्रिपुरा के राज्यपाल एन. इंद्रसेना रेड्डी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक मूल्यों दोनों का समान महत्व है। उन्होंने भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा अपनाई गई पंचविधि कार्य योजना, शोध, जनजागरण, प्रबोधन, प्रकाशन और संगठन, को भारत के लिए एक समग्र और उपयुक्त शैक्षिक मार्ग बताया।
प्रो. जैन के साथ बैठक में प्रांत समिति के अन्य सदस्य प्रो. वंदना शर्मा, डॉ. राजिंदर सिंह चाढ़क, प्रो. भरत भूषण और प्रो. सुरम सिंह भी उपस्थित थे। इस टीम का उद्देश्य शिक्षा को मैकॉले मॉडल से भारत-केंद्रित दिशा में परिवर्तित करने की दिशा में सक्रिय कार्य करना है। प्रो. संजीव जैन ने विश्वास व्यक्त किया कि इक्कीसवीं सदी भारत की है और भारत के वैश्विक नेतृत्व में उभरने में शिक्षा क्षेत्र की केंद्रीय भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में कार्य कर रहा है जो शिक्षा को राष्ट्रीय स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा रहा है।
इस अवसर पर डीआरडीओ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल वर्तमान परिवर्तनकारी दौर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में शिक्षा प्रणाली को पुनः परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी तकनीकी शक्ति का सफल प्रदर्शन किया है। बैठक का स्वागत भाषण भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने दिया। उन्होंने बताया कि संगठन युवाओं को बौद्धिक योद्धा के रूप में राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर रहा है और एनईपी-2020 में मंडल के 70 प्रतिशत सुझावों को शामिल किया गया है। बैठक में देशभर के 11 क्षेत्रों से कुल 274 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य बीते वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा करना और आगामी योजनाओं का रोडमैप तैयार करना है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा