Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
उमरिया, 13 जून (हि.स.)। जिले में पेय जल की स्थिति को देखते हुए 11अप्रैल 2025 को जिले के कलेक्टर ने जिले को जल आभाव ग्रस्त घोषित करते हुये आदेश पारित कर दिया था कि जिले से नलकूप खनन आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया जाता है, समय-समय पर ग्रामीण पेय जल की समस्या को लेकर जिले के कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया कि हमारे क्षेत्र में पानी नहीं है हम लोगो को पेय जल उपलब्ध कराया जाय।
जिला प्रशासन अभी भी ठीक ढंग से पेय जल उपलब्ध नहीं करवा सका है, लोग नालों और गड्ढों का पानी पीने को मजबूर हैँ। वहीं देखा जाय तो सरकारी रिकार्ड के अनुसार मध्य प्रदेश में मानसून 15 जून के बाद ही आता है कभी कभी तो जुलाई में उमरिया जिले में बारिश होती है इसी को देखते हुए जिले में वाटर लेवल को मेंटेन रखने के लिए गर्मी के प्रारंभ होते ही बोर करने पर प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं कि गर्मी के मौसम मे पानी की कमी न होने पाये, लेकिन उमरिया जिला इन सबसे हटकर है अभी मानसून का कोई ठिकाना भी नहीं है और जिले के कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया कि सरकारी तौर पर नलकूप खनन से प्रतिबंध हटाये जाते हैं, वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बोर पर प्रतिबंध हटाने से कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार हुआ है।
अब यदि देखा जाय तो उमरिया जिला समुद्री तट से 1123 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पर कुछ गांव तो इसके भी ऊपर हैं, जहां पर पानी की समस्या हर वर्ष गर्मी के दिनों में रहती है वाटर लेवल इतना नीचे चला जाता है कि कई लगभग 300 से 400 फीट तक पानी चला नहीं मिलता है, इतना ही नहीं 25 गाँवो का समूह जिसको आकाशकोट के नाम से जाना जाता है वहां तो सामान्य दिनों मे पानी की कमी रहती है, इन सबके बावजूद और भी बहुत से ऐसे गांव हैं जो पानी की किल्लत से जूझ रहे है और जिले के कलेक्टर ने पी एच ई के प्रतिवेदन पर जिले में बोर खनन बहाल कर दिया है।
वही मौसम विभाग के विशेषज्ञ राजनीश यादव ने बताया कि उमरिया जिले में अभी तापमान बहुत ज्यादा है। गत दिवस तापमान 42.01 डिग्री सेल्सियस गया है अभी बारिश नहीं हुई है और बारिश की उम्मीद अभी नहीं है 15 जून के बाद ही बारिश होने की संभावना है।
अब सवाल यह उठना है कि जब मौसम विशेषज्ञ यह बता रहे हैं कि उमरिया में बारिश नहीं हुई है वाटर लेवल नीचे चला गया है उसके बाद पीएचई विभाग के ई ई एच एस धुर्वे ने बताया कि जो प्रतिबंध हटाया गया है उसको संदर्भ में लेकर जन प्रतिनिधियों के कहने पर, बोर पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है। वर्तमान में पेयजल की इतनी समस्या नहीं है जो कि वर्ष से पूरा हो सकता है और बोर भी कराया था तो पानी नहीं मिला वहां इसलिए और क्या कर सकते हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्द्र त्रिपाठी