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कानपुर, 13 जून (हि.स.)। जनपद से एक बेहद हैरान और परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने जिस व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। दूसरे दिन वही युवक घाटमपुर थाने पहुंच कर बोला कि साहब ऐसा न करें, मैं जिंदा हूं। अगर मेरा पोस्टमार्टम हो गया तो मुझे कागजों में मार दिया जाएगा। अब पुलिस ने जिस शव को मर्चरी भेजा था। वह लावारिस निकला। पुलिस अब उसकी शिनाख्त के प्रयास में जुट गई है।
--क्या है पूरा मामला?
कानपुर देहात के इदुरुख गांव में रहने वाले अजय संखवार घाटमपुर थाना क्षेत्र के भीतरगांव कस्बा स्थित ईंट भट्ठे में मजदूरी करता है। उसके पास कोई फोन नहीं है। जिससे कि वह अपने परिजनों से संपर्क कर सके। इसलिए सप्ताह में एक-दो बार किसी न किसी से मोबाइल मांगकर अपने घर पर बात कर लेता है।
शुक्रवार को जब वह ड्यूटी करने भट्टे पर पहुंचा। तो वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी उसे देखकर बोले कि अरे यह तो जिंदा है। जिस पर उसने पूछा कि क्या हुआ साहब? पुलिस ने बताया कि गुरुवार तुम्हारी बहन ने एक लावारिस शव की शिनाख्त तुम्हारे रूप में की है। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
जितनी जल्दी हो सके तुम थाने पहुंचो और अपने जिंदा होने का सबूत दो। ताकि तुम्हारा नाम से भेजे गए शव का पोस्टमार्टम रोका जा सके। नहीं तो तुम हमेशा-हमेशा के लिए कागजों पर मृत घोषित हो जाओगे। पीड़ित विभाग थाने पहुंचा जहां पर मौजूद पुलिस कर्मी भी उसकी बात सुनकर दंग रह गए।
घाटमपुर एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि गुरुवार को एक लावारिस शव पड़ा मिला था। पीड़ित की बहन ने उसकी शिनाख्त अपने भाई अजय संखवार के रूप में की थी। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। लेकिन अगले दिन यानी शुक्रवार को युवक थाने पहुंचा और अपने जिंदा होने की बात बताई। इसके बाद शव का पोस्ट मार्टम तो रुकवा दिया गया है। साथ ही लावारिस लाश की दोबारा से शिनाख्त कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप