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- महिला बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर कार्य करने के दिए निर्देश
ग्वालियर, 13 जून (हि.स.)। कम वजन के बच्चों को पूर्णत: स्वस्थ व सुपोषित बनाने के लिये सुनियोजित कार्ययोजना तैयार करें। साथ ही टू-डू-लिस्ट भी बनाएं कि कार्ययोजना के तहत हर दिन, हर सप्ताह व हर माह कौन-कौन से काम किए जाने हैं। महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय बनाकर इस कार्ययोजना को इस प्रकार से मूर्तरूप दें, जिससे कोई भी कम वजन का बच्चा लाभान्वित होने से वंचित न रहे।
यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि जिले में कम वजन के बच्चों को सरकार व समाज के साझा प्रयासों से सुपोषित बनाने के लिये अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत सेवाभावी व साधन सम्पन्न नागरिकों को बच्चों को गोद दिलाया जायेगा।
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने जोर देकर कहा कि विशेष अभियान चलाकर अति कम व कम वजन के शतप्रतिशत बच्चों को चिन्हित कर सूची तैयार करें। स्वास्थ्य विभाग की एएनएम आंगनबाड़ी पर पहुँचकर बच्चों की स्क्रीनिंग करें और ऐसे बच्चों की सूची बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध कराएं, जिनको पूर्णत: सुपोषित बनाने के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती कराया जाना है। साथ ही कम वजन के ऐसे बच्चों की सूची अलग से तैयार करें, जो एनआरसी के मापदण्ड में नहीं आते और उन्हें साझा प्रयासों से समुदाय के बीच ही पूर्णत: सुपोषित किया जाना है। उन्होंने कहा कि सूचियों के आधार पर बच्चों को गोद दिलाने के प्रयास किए जायेंगे।
कलेक्टर ने पोषण आहार वितरण की समीक्षा के दौरान कहा कि टेक होम राशन वितरण में गैप कदापि न हो। उन्होंने पिछले 6 माह में वितरित किए गए टेक होम राशन की जानकारी परियोजनावार मांगी है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी स्थिति पाई गई तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की समीक्षा भी की गई।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकासउपासना राय व सहायक संचालक राहुल पाठक, डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर एनआरएचएम डॉ. विजय भार्गव, एनआरसी के नोडल अधिकारी डॉ. आशुतोष शर्मा व जिला क्षय अधिकारी डॉ. प्रबल प्रताप सिंह तथा जिले की विभिन्न परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं विकासखंड चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
जिले के सभी एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग हो
कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के चारों पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) की क्षमताओं का शतप्रतिशत उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने भितरवार के एनआरसी में उपलब्ध बैड का पूरा इस्तेमाल न होने पर नाराजगी जताई। ज्ञात हो जिले में वर्तमान में पाँच एनआरसी स्वीकृत हैं, जिनमें ठाठीपुर (20 बैड), डबरा (20 बैड), भितरवार (10 बैड), मोहना (10 बैड) एवं बरई (6 बैड) शामिल हैं। कलेक्टर ने डबरा में वर्तमान में संचालित हो रहे 10 बैडेड को 20 बैडेड करने के लिये कहा।
ई-केवायसी के प्रति उदासीन सीडीपीओ को मिलेंगे कारण बताओ नोटिस
महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान ई-केवायसी की प्रगति ठीक न पाए जाने पर कलेक्टर ने एकीकृत बाल विकास परियोजना डबरा क्र.-2, गिर्द, भितरवार, मुरार व शहरी क्र.-4 के बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि आगे से पोषण आहार उन्हीं बच्चों व माताओं को मिलेगा, जिनकी ई-केवायसी हो जायेगी। इसलिये इस काम में ढ़िलाई न हो।
आंगनबाड़ी केन्द्र में ओआरएस कॉर्नर और कम वजन के बच्चों के लिए दवाओं की किट बनाएं
कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के सुपोषण का ध्यान रखने के साथ-साथ उन्हें डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिये ओआरएस कॉर्नर भी बनाएं। इसी तरह कम वजन के बच्चों के लिये निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत दवायें उपलब्ध कराने के लिये दवाओं की किट भी तैयार की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह काम जल्द से जल्द कराने के निर्देश दिए।
चिन्हित बच्चों के माता-पिता की करें काउंसलिंग और उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाएं
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि चिन्हित कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने में उनके माता-पिता की भूमिका सबसे अहम होती है। इसलिए माता-पिता की भी काउंसलिंग की जाए। इसके लिये सरल भाषा में प्वॉइंट तैयार कर आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से माता-पिता की काउंसलिंग की जाए। उन्होंने चिन्हित बच्चों के माता-पिता को सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जिले में चिन्हित सहरिया जनजाति बहुल 10 गाँवों में धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कृष्ट अभियान के तहत 15 से 30 जून तक लगने जा रहे शिविरों में कम वजन के बच्चों के सुपोषण के लिये विशेष प्रयास करने के निर्देश भी बैठक में दिए।
कम वजन के बच्चों की मालिश व्यवस्था भी होगी
कलेक्टर ने संवेदनशीलता के साथ कम वजन के बच्चों को सुपोषित बनाने में मदद का आह्वान करते हुए कहा कहावत है कि हाथ लगाने से भी बच्चों की सेहत सुधरती है। इसी भाव के साथ आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कम वजन के बच्चों की मालिश की व्यवस्था प्रशिक्षित दाइयों के माध्यम से कराएं। इसके लिये धन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा रेडक्रॉस व अन्य मदों से कराई जायेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर