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पश्चिम सिंहभूम, 13 जून (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्त, बाल-विवाह, और दहेज उत्पीड़न जैसे सामाजिक अभियानों की जागरूकता के तहत मकानों पर स्लोगन सहित नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया में आम जनता से 50 रुपये प्रति मकान की वसूली को लेकर राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जिला समिति ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे गरीबों के साथ अन्याय बताया है।
इस मुद्दे को लेकर झामुमो जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सिंहभूम की सांसद जोबा मांझी और उपायुक्त चंदन कुमार से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी। सांसद जोबा मांझी ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि जल्द ही उपायुक्त से वार्ता कर इसकी जांच कराई जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
झामुमो का कहना है कि यह रकम एक बाहरी एजेंसी द्वारा वसूली जा रही है, जिसका कोई सार्वजनिक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। इससे आम लोगों के बीच भ्रम और आशंका की स्थिति बनी हुई है। झामुमो प्रवक्ता बुधराम लागुरी के अनुसार, यह एजेंसी बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत ग्राम शाहपुर, पो. तेलरी की बताई जा रही है, जो पश्चिमी सिंहभूम में कार्यरत है।
झामुमो नेताओं ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, मंझारी के कार्यालय द्वारा 26 मई 2025 को जारी पत्र (पत्रांक संख्या 386 (8)) में प्रखंड के सभी जनप्रतिनिधियों एवं आंगनबाड़ी कर्मियों को निर्देशित किया गया था कि मकानों पर जागरूकता स्लोगन के साथ नंबर प्लेट लगाने के लिए प्रति मकान 50 रुपए लिए जाएंगे। यह राशि केवल स्वेच्छा से नंबर प्लेट लगवाने वालों से ली जाएगी और उन्हें प्राप्ति रसीद भी दी जाएगी। सरकारी भवनों पर यह कार्य नि:शुल्क किया जाएगा।
हालांकि, झामुमो नेताओं का कहना है कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से लागू नहीं किया गया, न ही आम जनता को इसके बारे में ठीक से जानकारी दी गई। इससे पूरे अभियान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रवक्ता लागुरी ने स्पष्ट किया कि झामुमो जिला समिति इस मुद्दे पर पूरी तरह सतर्क है और शीघ्र ही जिले के सभी नगर एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक