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जम्मू, 13 जून (हि.स.)। भाजयुमो ने नायब तहसीलदार भर्ती अधिसूचना 2025 में उर्दू भाषा थोपने के खिलाफ विशाल विरोध मार्च निकाला भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने हाल ही में अधिसूचित नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा में उर्दू को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने के जम्मू-कश्मीर सरकार के विवादास्पद फैसले के कड़े विरोध में आज जम्मू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से डॉ बीआर अंबेडकर चौक, जम्मू तक एक विशाल मौन विरोध मार्च निकाला।
इस भेदभावपूर्ण और क्षेत्रीय पक्षपातपूर्ण कदम के खिलाफ आवाज उठाते हुए, जम्मू प्रांत भर से सैकड़ों भाजयुमो युवा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों ने विरोध मार्च में भाग लिया। विरोध मार्च में जोशीले नारे और तख्तियां थीं जिनमें जम्मू के युवाओं के सार्वजनिक रोजगार में निष्पक्ष और समान पहुंच के अधिकारों पर जोर दिया गया था। भाजयुमो जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष अरुण प्रभात ने सभा को संबोधित करते हुए जम्मू क्षेत्र के युवाओं को दरकिनार करने वाली नीति पेश करने के लिए उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा उर्दू को थोपना जम्मू के योग्य उम्मीदवारों को बाहर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। इस तरह के क्षेत्रीय भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम तत्काल इसे वापस लेने की मांग करते हैं। यह कदम भेदभावपूर्ण, अनुचित है और सार्वजनिक क्षेत्र के रोजगार में समानता, समावेशिता और क्षेत्रीय निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
नायब तहसीलदार पद जम्मू और कश्मीर के सभी हिस्सों के उम्मीदवारों के लिए खुला है। हालाँकि उर्दू को अनिवार्य योग्यता मानदंड बनाने से जम्मू क्षेत्र के अधिकांश उम्मीदवारों को नुकसान होता है
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता