डॉ. देविंदर कुमार मान्याल ने बाबा चमलियाल मेला 2025 की तैयारियों का निरीक्षण किया
डॉ. देविंदर कुमार मान्याल ने बाबा चमलियाल मेला 2025 की तैयारियों का निरीक्षण किया


सांबा, 13 जून (हि.स.)। डॉ. देविंदर कुमार मान्याल विधायक रामगढ़ और पूर्व स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री जम्मू-कश्मीर ने आज 26 जून 2025 को होने वाले वार्षिक बाबा चमलियाल मेले की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए ऐतिहासिक बाबा चमलियाल तीर्थस्थल का दौरा किया। जम्मू से लगभग 40 किलोमीटर और सांबा से 17 किलोमीटर दूर स्थित यह तीर्थस्थल पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है और धर्मनिरपेक्षता और अंतरधार्मिक सद्भाव का प्रतीक है।

जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और भारत के अन्य हिस्सों से हजारों श्रद्धालु हर साल बाबा दलीप सिंह मन्हास, जिन्हें बाबा चमलियाल के नाम से जाना जाता है को श्रद्धांजलि देने के लिए तीर्थस्थल पर आते हैं।

डॉ. मान्याल ने हाल ही में रामलू से चक सलारिया तक नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित सड़क पर की गई काली पट्टी पर भी प्रकाश डाला जिसका उद्घाटन 8 जून 2025 को 1.5 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। 2.56 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर से स्वांखा मंदिर और बाबा चमलियाल तीर्थस्थल तक कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। उन्होंने रामगढ़ क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

डॉ. मान्याल ने बताया कि ‘चम’ शब्द का अर्थ त्वचा होता है और सीमा के दोनों ओर के लोगों का मानना ​​है कि मंदिर से आने वाले ‘शक्कर’ और ‘शरबत’ में विभिन्न त्वचा रोगों के उपचार के गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आशीर्वाद लेने आते हैं और पवित्र ‘शक्कर’ और ‘शरबत’ अपने घर ले जाते हैं।

चामलियाल गांव में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला 322 साल पुराना चमलियाल मेला अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास आस्था, एकता और परंपरा की एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता