46.80% पर अटके बैंकों को डीएम का अल्टीमेटम, बोलीं- ऋण-जमा अनुपात सुधारें बैंक, नहीं चलेगी सुस्ती
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक


मीरजापुर, 13 जून (हि.स.)। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बैंकर्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले के बैंकों का ऋण जमा अनुपात (CD Ratio) राज्य औसत से नीचे है, जिसे जल्द से जल्द कम से कम 60 प्रतिशत तक लाया जाए। उन्होंने कहा कि बैंकों को अब परिणाम देने होंगे, सिर्फ बैठकों से काम नहीं चलेगा।जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति (DLCC) की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई, जिसमें अग्रणी बैंक इंडियन बैंक द्वारा मार्च 2025 तक की वित्तीय प्रगति पर प्रस्तुति दी गई। बैठक में बताया गया कि दिसंबर 2024 तक जिले का औसत ऋण जमा अनुपात महज 46.80 प्रतिशत है, जो कि राज्य औसत 60 प्रतिशत से काफी कम है। व्यवसायिक बैंकों का ऋण जमा अनुपात और भी नीचे 36.53 प्रतिशत पर दर्ज किया गया।इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने विशेष रूप से बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आर्यावर्त बैंक, IDBI, कोटक महिंद्रा बैंक और SBI को कार्ययोजना बनाकर सुधार करने के निर्देश दिए।

स्वरोजगार योजनाओं में लाएं प्रगति जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में प्राप्त आवेदनों की प्राथमिकता से स्वीकृति और वितरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन बैंकों द्वारा ज्यादा आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं, वहां कलेक्ट्रेट में विशेष कैम्प लगाकर मामलों की समीक्षा की जाएगी, ताकि पात्र आवेदकों को शीघ्र ऋण वितरण हो सके।

बैंक अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकों की भूमिका जिले के आर्थिक विकास में अहम है। यदि बैंक समय पर ऋण न दें तो योजनाएं कागज पर ही रह जाएंगी। सभी बैंक अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार, उपायुक्त मनरेगा बब्बन राय, लीड बैंक प्रबंधक, नाबार्ड के प्रतिनिधि, बैंक शाखा प्रबंधक तथा उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा