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कोलकाता, 13 जून (हि.स.)।जगन्नाथ मंदिर उद्घाटन के बाद से पश्चिम बंगाल के लोकप्रिय समुद्र तटीय पर्यटन स्थल दीघा में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसी बीच होटल किराए को लेकर गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं।
दुर्गापुर से परिवार के साथ घूमने आए पर्यटक मानिक राय ने बिना अग्रिम बुकिंग के दीघा पहुंचने के बाद पाया कि किसी भी होटल में कमरे उपलब्ध नहीं हैं। स्थानीय एक टोटो चालक की मदद से उन्होंने एक होटल में कमरा तो पाया, लेकिन दोगुना किराया चुकाना पड़ा। साथ ही बताया गया कि कोई वैध रसीद नहीं दी जाएगी, सिर्फ एक साधारण कागज पर किराया लिखा मिलेगा।
यह कोई अकेली घटना नहीं है। बीते कुछ सप्ताहों से कई पर्यटक ऐसे ही अनुभव साझा कर रहे हैं। अग्रिम बुकिंग न होने की स्थिति में होटल मालिक मनमाने किराए वसूल रहे हैं और अधिकतर मामलों में बिल भी नहीं दिया जा रहा है।
पर्यटकों की ओर से दायर की गई शिकायतों के बाद दीघा-शंकरपुर विकास प्राधिकरण हरकत में आया है। पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारी पूर्णेन्दु मांझी ने साफ कहा है कि यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित होटलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आवश्यक होने पर होटल का लाइसेंस रद्द करने की भी चेतावनी दी गई है।
गौरतलब है कि जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद से केवल पिछले डेढ़ महीने में ही 30 लाख से अधिक पर्यटक दीघा पहुंचे हैं। यह संख्या आमतौर पर पूरे वर्ष आने वाले पर्यटकों की तुलना में काफी अधिक है।
पर्यटकों का आरोप है कि सामान्यतः एक हजार रुपये प्रति रात के कमरे के लिए उनसे तीन से चार हजार रुपये तक वसूले गए। टोटो व ऑटो चालकों को कमीशन देने के नाम पर होटल मालिक अधिक किराया ले रहे हैं।
कुछ होटल मालिकों ने आरोपों को यह कहकर खारिज किया है कि टोटो या ऑटो चालक ही पर्यटकों से ज्यादा पैसे वसूलते हैं और कमीशन लेते हैं। उन्होंने कहा कि होटल द्वारा सीधे ज्यादा किराया नहीं लिया गया।
हालांकि, दीघा-शंकरपुर होटलियर्स एसोसिएशन और ओल्ड दीघा होटल ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वीकार किया कि कुछ होटल वास्तव में नियमों का उल्लंघन कर अधिक किराया ले रहे हैं, जिससे दीघा की छवि खराब हो रही है।
पारदर्शिता लाने की कवायद
होटलों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने एक ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है, जहां होटल को पर्यटकों के विवरण और किराए की जानकारी तत्काल अपलोड करनी होती है। लेकिन शिकायत है कि अधिकतर होटल इसका पालन नहीं कर रहे।
इसके अलावा हर होटल को कमरे की संख्या, खाली कमरों की जानकारी और तय किराया होटल काउंटर पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है, लेकिन इस नियम की भी जमकर अनदेखी हो रही है।
जिलाधिकारी पूर्णेदु माझी ने कहा कि पर्यटक प्रशासन के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अब तक बड़ी संख्या में किराए से संबंधित शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनकी जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय