भारत-बांग्लादेश सीमा का सुरक्षा मूल्यांकन : बीएसएफ पूर्वी कमान एडीजी महेश अग्रवाल का तीन दिवसीय सीमावर्ती दौरा
BSF CAUGHT


कोलकाता, 13 जून (हि.स.)। भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी और सीमा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की पूर्वी कमान, कोलकाता के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) महेश कुमार अग्रवाल ने तीन दिवसीय दौरे में पश्चिम बंगाल के नदिया, मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों के संवेदनशील सीमाई क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया।

शुक्रवार को बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि यह दौरा 10 जून से 12 जून तक चला, जिसमें अग्रवाल के साथ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक अनीश प्रसाद और क्षेत्रीय मुख्यालय बेहरामपुर तथा मालदा के उप महानिरीक्षकगण –अनिल कुमार सिन्हा एवं मित्रभानु महापात्र, –सहित वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।

दौरे के पहले दिन, एडीजी अग्रवाल ने 11वीं वाहिनी की सीमा चौकी शिकारपुर का निरीक्षण किया और वहां की ऑपरेशनल तैयारियों, निगरानी व्यवस्था एवं सीमा की संवेदनशीलता को लेकर समीक्षा बैठक की। इसके बाद उन्होंने मधुबना और जलंगी सीमा चौकियों का भी दौरा किया और जवानों से प्रत्यक्ष संवाद में तस्करी, घुसपैठ और मौजूदा चुनौतियों को लेकर फीडबैक प्राप्त किया। जवानों की सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाए।

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नवीन चौकी का उद्घाटन, जल सीमा का निरीक्षण

11 जून को अग्रवाल ने 73वीं वाहिनी की नव निर्मित सीमा चौकी काकमारीचर का उद्घाटन किया और वहां तैनात जवानों का उत्साहवर्धन किया। इसके पश्चात उन्होंने 71वीं वाहिनी की निमतीता चौकी, शिवपुर घाट, मंदिर घाट एवं बिना तारबंदी वाले सबदलपुर क्षेत्र का दौरा कर बोट पेट्रोलिंग और प्रभुत्व योजना की समीक्षा की। उन्होंने चुरियंतपुर सीमा चौकी पहुंचकर हाल ही में मरम्मत की गई अंतरराष्ट्रीय सीमा बाड़ (आईबीबीएफ) का मूल्यांकन भी किया।

12 जून को दौरे के अंतिम दिन एडीजी ने मालदा सेक्टर अंतर्गत 119वीं वाहिनी की सीमा चौकी महदीपुर का निरीक्षण किया और जवानों से अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने महदीपुर एलसीएस (भूमि सीमा शुल्क स्टेशन) का भ्रमण किया और वहां उपस्थित सीमा शुल्क अधिकारियों, ड्यूटी पर तैनात जवानों एवं आम नागरिकों से संवाद किया। अंत में उन्होंने 88वीं वाहिनी की एच.सी.पुर और आर.के. वाधवा सीमा चौकियों का दौरा कर समग्र स्थिति का मूल्यांकन किया।

अपने तीन दिवसीय दौरे के माध्यम से एडीजी महेश कुमार अग्रवाल ने यह स्पष्ट किया कि सीमा सुरक्षा बल की सर्वोच्च प्राथमिकता देश की सीमाओं की मजबूती और तस्करी व घुसपैठ जैसे अपराधों पर निर्णायक कार्रवाई है। उन्होंने संकेत दिया कि सीमा पर तारबंदी को और अधिक मजबूत किया जाएगा तथा गश्ती व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से लैस कर हर संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।

अग्रवाल ने कहा कि सीमा की सुरक्षा में किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और बल हर परिस्थिति में राष्ट्रहित सर्वोपरि रखते हुए कार्य करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर