कृषि रोड मैप से बिहार में बदली मछली उत्पादन की सूरत, 20 वर्ष में तीन गुना हुआ उत्पादन
मछली उत्पादन के लिए बनाए गए तालाब


पटना, 13 जून (हि.स.)। बिहार सरकार के कृषि रोड मैप ने बिहार में मछली उत्पादन की सूरत बदल दी है। मछली का उत्पादन 2.68 लाख मीट्रिक टन (2005 से पहले) से बढ़कर 8.73 लाख मीट्रिक टन (2023-24) हो गया। इस तरह से करीब 20 वर्षों में मछली का उत्पादन बिहार में तीन गुना से अधिक बढ़ चुका है।

मछली उत्पादन में बढ़ोतरी के उद्देश्य से राज्य सरकार कृषि रोड मैप के तहत कई योजनाएं चला रही है। जिसमें मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना, जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना, निजी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना, राज्य में बहने वाली गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम एवं केन्द्र प्रायोजित योजनान्तर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का कार्य मुख्य रुप से शामिल है। इन योजनाओं से मछली उत्पादन को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के तहत बिहार की 461 हेक्टेयर चौर भूमि मछली पालन से समृद्ध हुई है। इस योजना से चौर बाहुल्य जिलों में अवस्थित चौर भूमि पर मॉडल आधारित नये तालाबों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे राज्य में मछली का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।

प्रखंडों में बनेंगे मछली बाजार

सरकारी योजनाओं के जरिए जहां एक ओर राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार मत्स्य पालकों द्वारा उत्पादित मछली को बाजार भी मुहैया करवाने की लगातार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के चिन्हित प्रखण्डों में 30-30 मत्स्य बाजार का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, मछली के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए नई तकनीक जैसे-बायोफ्लॉक तकनीक एवं आरएएस तकनीक से मत्स्य पालन किया जा रहा है। अब तक राज्य में 439 बायोफ्लॉक इकाई एवं 15 आरएएस इकाई बनाए गए हैं। वहीं चालू वित्तीय वर्ष में गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक आदि नदियों में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए मछली का 61.81 लाख जीरा डाला जा चुका है।

बढ़े रोजगार, आई खुशहाली

समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के पुरा निवासी ज्योत्सना सिंह मछली बीज के उत्पादन कार्य से जुड़ी हैं। वे खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ ही आज 20 लोगों को रोजगार मुहैया करा रही हैं। 2023 में मत्स्य विभाग से इन्होंने और 15.00 लाख रूपये का अनुदान लेकर कमल मत्स्य बीज हैचरी की स्थापना की, जिसमें इन्हें अपार सफलता प्राप्त हुई है। आज इनकी सफलता से दूसरे लोग भी प्रभावित होकर मत्स्य पालन से जुड़ रहे हैं।

समस्तीपुर जिले के ही शिवाजीनगर प्रखंड के कोची गांव में संजय सहनी, मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना का लाभ लेकर प्रति वर्ष 15 टन मछलियों का उत्पान कर रहे हैं, जिससे इन्हें 12 से 15 लाख रूपये की कमाई होती है। इस काम से उनकी आय बढ़ी और परिवार में खुशहाली आई है। इनके इस खुशहाल जीवन को देखकर दो अन्य किसान श्याम बाबु यादव एवं अशर्फी सहनी भी इस व्यवसाय से जुड़ गये है, जिससे इन्हें भी लगभग 15 से 20 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी