इंदौर के बूढ़ी बरलई में स्थापित होगी अहिल्या गारमेंट सिटी, बनेगा प्रदेश का नया वस्त्र एवं परिधान हब
रिलायंस कम्प्रेस्ड बायोगैस इकाई का भ्रमण


- 584 करोड़ रुपये का निवेश, 12 हजार से अधिक नए रोजगार के अवसर

इंदौर, 13 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीआईडीसी) द्वारा अरविन्द समूह को इंदौर जिले बूढ़ी बरलई में 12 हेक्टेयर भूमि एवं नोईज समूह को 12.5 हेक्टेयर भूमि अपनी वस्त्र एवं परिधान निर्माता इकाई की स्थापना के लिए प्रदान की गई है। इसके लिए दोनों कंपनियों को आशय पत्र जारी कर दिया गया है। इस क्षेत्र में इन दोनों नई कंपनियों की मेगा टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग इकाइयों के साथ-साथ सहायक इकाइयों हेतु प्लग एण्ड प्ले यूनिट, कर्मचारियों के निवास हेतु आवासीय क्षेत्र, मेडिकल फेसिलिटी, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, कॉमन फेसिलिटी सेन्टर, कमर्शियल कॉम्पलेक्स एवं पार्किंग की सुविधा विकसित की जायेगी।

यह जानकारी शुक्रवार को एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति ने दी। उन्होंने बताया कि ये दोनों इकाइयाँ मिलकर कुल 584 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एवं लगभग 12 हजार लोगों को नवीन रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी। अरविंद ग्रुप द्वारा अपनी इकाई में प्रथम चरण में 60 लाख परिधान प्रतिवर्ष बनाने का लक्ष्य रखा गया है, वहीं नोईज समूह द्वारा अपनी इकाई में नौ अलग-अलग गतिविधियों की स्थापना की जायेगी, जिसमें स्वेटर, डेनिम एवं फुटवियर का निर्माण होगा। इस गारमेंट पार्क की स्थापना से क्षेत्र की महिलाओं के जीवन उत्थान का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा।

रिलायंस कम्प्रेस्ड बायोगैस इकाई का भ्रमण

एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति द्वारा गत दिवस डकाच्या स्थित रिलायंस एनर्जी के लगभग 25 एकड़ में स्थित कम्प्रेस्ड बायोगैस इकाई का भ्रमण किया गया। यह इकाई अक्टूबर 2025 तक उत्पादनरत हो जाने की जानकारी कंपनी के पदाधिकारियों द्वारा प्रदान की गई। इस कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट में गैस के उत्पादन हेतु नेपियर ग्रास जिसे सामान्य भाषा में घोड़ा घास भी कहा जाता है, राईस हस्क एवं सोयाबीन हस्क तथा गोबर एवं कृषि अपशिष्टों का उपयोग किया जाएगा। इन तीनों पदार्थों को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर गैस का उत्पादन किया जाता है एवं इस प्रक्रिया से निकलने वाला अवशेष कृषि के लिए बहुत ही उपयोगी, ऑर्गेनिक बायो उर्वरक के रूप में उपयोग होता है। यह इकाई कृषकों को पराली जलाने की समस्या से निजात दिलाएगी जो पर्यावरण के लिए अनुकूल होगा साथ ही सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी किए जाने के लक्ष्य में मदद करेगी।

रिलायंस एनर्जी द्वारा प्रदेश में इस प्रकार की 100 इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। यह इनिशिएटिव देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने एवं कार्बन न्यूट्रल के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर