पश्चिम बंगाल: 22 रोहिंग्या गिरफ्तार, 10 वर्षों से पहचान छुपा कर भारत में रह रहे थे
भारत-बांग्लादेश सीमा


कोलकाता, 13 जून (हि.स.)। म्यांमार से बांग्लादेश होते हुए भारत में दाखिल हुए 22 रोहिंग्या नागरिकों को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के बसिरहाट उपमंडल के शायस्ता नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन्हें उस समय पकड़ा जब वे गुपचुप तरीके से सीमा पार कर बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे थे। शुक्रवार को सभी आरोपितों को अदालत में पेश किया गया।

पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार तड़के शायस्ता नगर एक नंबर ब्लॉक के लवंग इलाके में 22 संदिग्ध लोगों को घूमते देखा गया। स्थानीय निवासियों को उन पर शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची बादुड़िया थाना पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जांच में कोई वैध दस्तावेज न मिलने पर पुलिस को संदेह हुआ। बाद में पूछताछ में उन्होंने माना कि वे बांग्लादेश लौटने की कोशिश कर रहे थे।

गिरफ्तार लोगों में पांच महिलाएं, चार पुरुष और 13 नाबालिग शामिल हैं। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे करीब 10 वर्ष पहले म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से भारत आए थे और उसके बाद हैदराबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे थे। इस दौरान उन्होंने नाम और पहचान छुपा रखी थी।

पुलिस को संदेह है कि हाल के वर्षों में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में आई तल्खी के चलते देश में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है, जिससे बचने के लिए वे लोग बांग्लादेश वापस लौटने की फिराक में थे। इन लोगों ने किसी दलाल के जरिए सीमा पार करने की योजना बनाई थी।

बसीरहाट के एसपी हसन मेहदी रहमान ने शुक्रवार अपराह्न जारी बयान में बताया कि गिरफ्तार किए लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है। वे कैसे भारत में आए और कहां-कहां रहे हैं, इस बारे में जानकारी ली जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उनके कोई और साथी फिलहाल यहां रह रहे हैं या नहीं।

फिलहाल पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इनका मकसद महज शरण लेना था या किसी देशविरोधी षड्यंत्र को अंजाम देना। इनकी गतिविधियों, संपर्कों और देश में रहने के असली उद्देश्य को लेकर विस्तृत जांच जारी है।----

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर