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चित्तौड़गढ़, 12 जून (हि.स.)। जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र में आने वाले सुवानिया गांव में गुरुवार को एक साथ दो मगरमच्छ देख कर ग्रामीण दहशत में आ गए। सुवनिया गांव बाहरी इलाके से 9 फीट लंबे और लगभग 90 किलोग्राम वजन वाले दो मगरमच्छ को सफलतापूर्वक बचाया गया। चार से पांच साल के इन दोनों मगरमच्छ को स्थानीय लोगों ने गांव के बाहर एक खेत के कुएं के पास देखा था। एक की रेस्क्यू किया तो दूसरा पास ही स्थित नाले में कूद गया था। करीब दो घंटे बाद दूसरे मगरमच्छ का रेस्क्यू संभव हो पाया।
सुवानिया गांव के बाहर एक खेत के यहां दो मगरमच्छ पहुंच गए। खेतों पर आए किसानों ने मगरमच्छ देखे तो दहशत में आ गए। इसकी जानकारी मिलते ही कई ग्रामीण मौके पर जुट गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मगरमच्छ को देख कर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। उनमें से कई लोग इस जीव को देख कर डर के मारे भाग गए। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, चिंतित ग्रामीणों के एक समूह ने तुरंत वन्य जीव प्रेमियों से संपर्क किया जो एक वन्यजीव बचावकर्ता होकर ऐसी नाजुक स्थितियों से निपटने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। बचाव अभियान में वन विभाग के साथ के वन्य जीव विशेषज्ञ पीयूष कांबले एवं राम कुमार साहू की टीम भी शामिल थी। टीम तुरंत सुवानिया गांव में खेत पर पहुंची। यहां निरीक्षण कर स्थिति का आंकलन किया और दोनों मगरमच्छ को सुरक्षित तरीके से पकड़ने की योजना बनाई। इससे मवेशी तथा लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे। संयुक्त टीम ने धैर्य और सटीकता के साथ बचाव दल एक मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू करने में कामयाब रही। वहीं दूसरा मगरमच्छ पास के पानी भरे गड्ढे में कूद गया। पहले मगरमच्छ सफल रेस्क्यू के बाद टीम ने इसको बस्सी वन्यजीव अभयारण्य में पहुंचाया। यहां उसे वन विभाग की देख-रेख में उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया। इस रेस्क्यू के क़रीब दो घंटे बाद दूसरा मगरमच्छ ग्रामीणों को पानी निकलने के बाद नजर आ गया। इस पर टीम पुनः मौके पर पहुंची तथा काफी देर मशक्कत के बाद दूसरे मगरमच्छ को भी रेस्क्यू कर लिया गया।
टीम ने सफल ऑपरेशन पर राहत व्यक्त की एवं वन्य जीव संरक्षण के महत्व और समाज द्वारा वन्य जीवों को समझने और उनका सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, जानवर और इंसान दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। वन्य जीवों के बारे में जानकारी होने से भविष्य में दोनों की मुठभेड़ को रोकने में मदद कर मिलती है। इधर सुवानिया के ग्रामीणों ने वन विभाग और रेस्क्यू दल की त्वरित कार्रवाई और पेशेवर रवैये के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इस मौके पर रेस्क्यू टीम में स्थानीय रेंजर सुरेश चौधरी, फ्लाइंग टीम के नाथू सिंह, देवीलाल रेगर, राम चंद्र सालवी, मदन सिंह और किशन गाडरी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल