बलरामपुर : मौसम की बेरुखी से किसान की बढ़ी परेशानी
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बलरामपुर, 11 जून (हि.स.)। मानसून की बेरुखी से अब किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है। नौतपा के समय लगातार चार-पांच दिनों की बारिश ने किसानों में आशा-उम्मीद का संचार किया था अब वह मायूसी और निराशा में बदल चुकी है।

उल्लेखनीय है कि, बलरामपुर के किसान पूरी तरह मानसूनी बारिश पर ही निर्भर होकर खेती करते हैं। कुछ ही किसान यहां ऐसे सक्षम हैं जिनके पास स्वयं के साधन हैं। अभी नौतपा के समय जब बारिश हो रही थी तो मक्का वाले किसान बेहद चिंतित थे कि उनका मक्का कहीं खेतों में ही न सड़ जाए। अब तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी में मक्के वाले किसान तेजी से मक्का तोड़ने और उसे थ्रेश करने में व्यस्त हैं परन्तु खेती की तैयारी में लगे किसान माथे पर हाथ धरकर बैठ गए हैं। लोगों ने पहले से ही समय पर बारिश की उम्मीद में धान बीज आदि खरीद लिया था। कुछ किसानों ने तो पहले दौर की खेतों की जुताई भी कर ली थी किंतु ऐन वक्त पर मौसम की बेरूखी ने उन्हें अन्दर तक सहमा कर रख दिया है। वे एकटक आसमान को निहार रहे हैं।

मौसम का मिजाज यदि ऐसा ही बना रहा तो किसानों को भय है कि कहीं उनकी खरीफ की खेती पिछड़ न जाए। यहां के किसान ज्यादातर धान, मक्के की ही फसल करते है जो पूरी तरह बारिश पर ही नर्भिर होती है। अब किसान मौसम के इस तेवर से डरे हुए हैं और बादलों से बरसने की प्रार्थना कर रहे हैं।

मात्र कुछ दिनों की बारिश और तापमान में भारी गिरावट से लोगों ने राहत की सांस लेते हुए कूलर आदि सब समेट दिया था किन्तु अचानक फिर मौसम के तीखे तेवरों को देखते हुए फिर से वहीं रुख अख्तियार कर लिया है। इन दिनों बलरामपुर जिले का पारा 38 से 40 डिग्री के बीच चढ़ा हुआ है। लोग गर्मी से बेहाल और पसीने से लथपथ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय