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डीसीएम शिंदे का मुंबई मनपा को निर्देश
मुंबई,11 जून (हि.स.)। मुंबई में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जाली लगाने का काम तुरंत पूरा किया जाना चाहिए। ऐसी परियोजनाओं में अत्यधिक खतरनाक क्षेत्रों के निवासियों को समायोजित करने के लिए नीति तैयार की जानी चाहिए। यह निर्देश बुधवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई मनपा प्रशासन को दिया।
कुर्ला विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं पर सह्याद्री गेस्ट हाउस में समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री शिंदे बोल रहे थे। बैठक में विधायक मंगेश कुडालकर, दिलीप लांडे, उपमुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम गुप्ता, मुंबई मनपा आयुक्त भूषण गगरानी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। विधायक कुडालकर ने इस क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र चूनाभट्टी के निवासियों के पुनर्वास की मांग की थी, क्योंकि यहां अक्सर भूस्खलन होता रहता है। विधायक लांडे ने कहा कि चांदिवली विधानसभा क्षेत्र में भी ऐसा ही क्षेत्र हैं। उपमुख्यमंत्री ने राहत एवं पुनर्वास विभाग के पास उपलब्ध निधि से मुंबई के भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में लगभग 42 झोपड़पट्टियों के निवासियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जाली लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने सबसे अधिक खतरनाक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की बात भी कही। यदि म्हाडा और एसआरए परियोजनाएं ऐसे खतरनाक स्थानों के पास चल रही हैं, तो उपमुख्यमंत्री ने इस बारे में नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्या अत्यधिक खतरनाक इमारतों में रहने वाले नागरिकों को उन परियोजनाओं के कुछ घरों में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सकती है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ऐसे खतरनाक स्थानों पर रहने वाले नागरिकों के लिए स्थायी उपाय करने को कहा। कुर्ला के टाकिया वार्ड क्षेत्र में 20 एकड़ भूमि पर घरों के लिए एक क्लस्टर योजना लागू करने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। कुर्ला विधानसभा क्षेत्र के रेलवे क्षेत्र में झोपड़पट्टी निवासियों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार