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- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व प्रकरणों की समीक्षा
ग्वालियर, 11 जून (हि.स.)। भू-अभिलेख विभाग को राजस्व विभाग में शामिल करने का प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। अब एसएलआर और एएसएलआर को तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के रूप में रखा गया है। राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व विवेक कुमार पोरवाल द्वारा बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इस संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश दिए गए। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान, ग्वालियर एनआईसी कक्ष से व्हीसी में शामिल हुईं।
प्रमुख सचिव द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये किए गए प्रबंधनों के संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि राजस्व अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिये अब दो प्रशिक्षण केन्द्र रहेंगे, जिसमें ग्वालियर और उज्जैन शामिल हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों को प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में बेहतर बनाया जायेगा। इन दोनों सेंटरों के माध्यम से प्रदेश भर के राजस्व अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जायेगा। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि न्यायिक राजस्व अधिकारी एवं अन्य राजस्व कार्यों के लिये पृथक-पृथक राजस्व अधिकारी रहेंगे।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पश्चात जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में शासन द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में कार्य करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस मौके पर अपर कलेक्टर कुमार सत्यम, एडीएम टी एन सिंह, संयुक्त कलेक्टर देवकीनंदन सिंह एवं राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर