शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की जांच के आदेश पर बंगाल विधानसभा में हंगामा, भाजपा विधायकों का वाकआउट
विधानसभा में प्रदर्शन


कोलकाता, 11 जून (हि.स.) ।

पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को दो प्रमुख मुद्दों को लेकर भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन (प्रिविलेज मोशन) के तहत जांच के आदेश दिए जाने और तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर भाजपा द्वारा लाया गया स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार किए जाने के विरोध में भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस स्वीकार करते हुए मामले की जांच के लिए प्रिविलेज कमेटी को निर्देश दिया है। विधानसभा सूत्रों के अनुसार, मौजूदा सत्र में ही इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

उधर, भाजपा ने बीरभूम के तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल द्वारा अभद्र भाषा के इस्तेमाल को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। इस निर्णय से नाराज भाजपा विधायकों ने शंकर घोष के नेतृत्व में करीब 12:10 बजे सदन से वाकआउट कर दिया।

विधानसभा के बाहर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा, “स्पीकर एक ही दिन में दो अलग बातें कर रहे हैं। जब तृणमूल विधायक प्रधानमंत्री के खिलाफ सदन के बाहर टिप्पणी करते हैं, तो स्पीकर कहते हैं कि सदन के बाहर की बातों पर चर्चा नहीं होगी। लेकिन जब विपक्ष के नेता ने बाहर बयान दिया, तो उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस स्वीकार कर लिया गया।”

शुभेंदु अधिकारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर गलतबयानी का आरोप है। यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब मंगलवार को विधानसभा में पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर प्रस्ताव लाया गया और मुख्यमंत्री ने सेना को धन्यवाद दिया। भाजपा का आरोप है कि शुभेंदु ने उस वक्त मुख्यमंत्री के बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया और कहा कि ममता बनर्जी ने पाकिस्तान की प्रशंसा की है।

शुभेंदु ने विधानसभा से बाहर कहा था, “मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान की तारीफ की है। वह ऐसे बोल रही थीं जैसे पाकिस्तान की ओर से बैटिंग कर रही हों। यहां तक कि शाहबाज शरीफ भी इतनी तारीफ नहीं करते।” इसके बाद मंत्रियों चंद्रिमा भट्टाचार्य, शोभनदेव चट्टोपाध्याय, इंद्रनील सेन और अरूप विश्वास ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया, जिसे बुधवार को जांच के लिए प्रिविलेज कमेटी को सौंपा गया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर