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कोलकाता, 11 जून (हि. स.)। फुरफुरा शरीफ के पीरजादा कासेम सिद्दीकी को तृणमूल कांग्रेस में शामिल कर राज्य संगठन का महासचिव बना दिया गया। यह फैसला जहां पार्टी के रणनीतिक विस्तार का हिस्सा माना जा रहा है, वहीं पार्टी के अंदर से ही इसके खिलाफ स्वर उठने लगे हैं। मुर्शिदाबाद के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए कासेम सिद्दीकी की राजनीतिक योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हुमायूं कबीर ने तीखा बयान देते हुए कहा है कि कासेम सिद्दीकी को राजनीति का अ आ क ख तक नहीं आता। वह पहले तृणमूल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, लाल बाजार के सामने पार्टी पर जमकर हमले किए थे। ऐसे व्यक्ति को संगठन में इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना कहां तक उचित है , यह तो आने वाला समय बताएगा।
उन्होंने आगे कहा है कि नौशाद सिद्दीकी को राजनीति में चार साल हो चुके हैं, लेकिन कासेम को तो राजनीति में सक्रिय होते कभी नहीं देखा। फिर भी उन्होंने सरकार की आलोचना की, विरोध किया। अब जब वे पार्टी में आए हैं, तो उन्हें पहले अपनी योग्यता साबित करनी चाहिए। देखते हैं, उन्हें देखकर कितने लोग वोट देते हैं। उसके बाद ही मैं उन्हें कोई सर्टिफिकेट दूंगा।
उल्लेखनीय है कि कासेम सिद्दीकी, भांगर से आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी के चचेरे भाई हैं और धार्मिक प्रभावशाली परिवार फुरफुरा शरीफ से ताल्लुक रखते हैं। तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले इस परिवार को साधने की रणनीति के तहत उन्हें पार्टी में शामिल किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कासेम ने पार्टी के विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का ऐलान भी किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय