एबीवीपी की कार्यकारी परिषद की बैठक में देश की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति पर प्रस्ताव पारित
एबीवीपी की कार्यकारी परिषद की बैठक में देश की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति पर प्रस्ताव पारित


धर्मशाला, 11 जून (हि.स.)।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 29 से 31 मई तक छतीसगढ़ के रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संपन्न हुई। इसमें देशभर से 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक से पूर्व 28 मई को परिषद की विभिन्न इकाइयों की समीक्षा बैठकें हुईं और एक प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भगवान बिरसा मुंडा और रानी अबक्का की जयंती, संघ शताब्दी वर्ष आदि विषयों को दर्शाया गया।

उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी और संगठन मंत्री आशीष चौहान उपस्थित रहे। प्रमुख प्रस्तावों में कोचिंग संस्थानों पर नीति निर्माण, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में देरी पर चिंता, भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति पर प्रस्ताव पारित किए गए। ‘भाषाओं के माध्यम से भावी भारत’ विषय पर भाषाविद श्री चूडामणि शास्त्री का व्याख्यान भी हुआ।

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं और रानी अबक्का की 500वीं जयंती पर विविध कार्यक्रमों की योजना बनाई गई।आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ और यशवंतराव जी की जन्म शताब्दी पर भी विशेष आयोजन होंगे।

बैठक में पर्यावरणीय दृष्टिकोण

से अभिनव पहलें भी की गईं। ‘जीरो फूड वेस्ट’ नीति, प्लास्टिक मुक्त परिसर और गोधन से बनी थालियों का उपयोग प्रमुख रहे। राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने बताया कि अभाविप की सदस्यता लगभग 60 लाख तक पंहुच गई है, जो युवाओं में इसकी गहरी पैठ को दर्शाती है। यह बैठक शिक्षा, राष्ट्र निर्माण और छात्रहितों के लिए अभाविप की प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाने वाली सिद्ध हुई|

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया