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शिमला, 11 जून (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बदतर होती जा रही है और सरकार गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और यहां तक कि अजन्मे बच्चों से भी पैसे वसूल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं के तहत प्रदेश को भरपूर आर्थिक सहायता मिल रही है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार योजनाओं को लागू करने में असफल साबित हो रही है।
जयराम ठाकुर ने आज शिमला से जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 'नेशनल हेल्थ मिशन' के तहत देशभर में आम जनता को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही है। इसके अंतर्गत 'फ्री ड्रग पॉलिसी' और 'फ्री डायग्नोस्टिक इनीशिएटिव सर्विसेज' के माध्यम से इलाज और जांच की सभी सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं, जिनका खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। लेकिन हिमाचल में सुक्खू सरकार ने इन योजनाओं को आम जनता तक पहुंचने से रोक दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के साथ भेदभाव कर रही है और उनसे अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांचों के लिए पैसे वसूले जा रहे हैं। यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि जननी–शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य ही मातृ और शिशु मृत्यु दर को घटाना है।
जयराम ठाकुर ने कहा, “जो सरकार गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं, नवजातों और यहां तक कि अजन्मे बच्चों से भी पैसे वसूल रही हो, उससे संवेदनशीलता की उम्मीद करना बेकार है। सरकार न केवल संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है, बल्कि केंद्र सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।”
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला