मुख्यमंत्री की आत्मीयता से भावुक हुए दिलीप घोष-दंपति, बोले आस्था पर राजनीति नहीं
दुर्गापुर में जगन्नाथ मंदिर का दर्शन दिलीप घोष और उनकी पत्नी द्वारा


दुर्गापुर, 11 जून (हि. स.)। पूजा और मंदिर को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह बात एक बार फिर साफ तौर पर कही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने। बुधवार को दुर्गापुर के राजेन्द्र प्रसाद रोड स्थित जगन्नाथ मंदिर में पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ दर्शन के लिए पहुंचे दिलीप घोष ने स्पष्ट किया कि मंदिर जाना उनका निजी धार्मिक विश्वास है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में दिघा के जगन्नाथ मंदिर दर्शन और वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में काफी विवाद उठा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि मेरे वहां जाने से पार्टी को कोई समस्या नहीं है, हां कुछ लोगों को जरूर परेशानी हुई होगी।

उनकी पत्नी रिंकू मजूमदार ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से उनके नीतिगत मतभेद जरूर हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने जिस आत्मीयता और आतिथ्य सत्कार से उनका स्वागत किया, उससे वे दोनों अभिभूत हो गए।

दिलीप घोष ने आगे कहा कि मैं बचपन से ही मंदिरों में जाता रहा हूं। मैं अपने घर के सामने के शिव मंदिर में रोज जल अर्पित करता हूं। यह मेरे खून में है। पिछले साल मैं इस्कॉन मंदिर में था। बंगाल में हर बात पर आलोचना होती है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों को दिलीप घोष से समस्या हो सकती है, लेकिन मुझे किसी से कोई समस्या नहीं है।

दुर्गापुर में मंदिर दर्शन के दौरान दिलीप घोष ने भगवान जगन्नाथ को स्नान भी कराया। उनकी इस धार्मिक यात्रा और मुख्यमंत्री से मुलाकात ने भले ही राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया हो, लेकिन घोष दंपति ने इसे एक निजी और श्रद्धालु अनुभव बताया है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय