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लखीमपुर खीरी, 9 मई (हि.स.)। रबी विपणन वर्ष 2025–26 के अंतर्गत गेहूं क्रय कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 क्रय केंद्रों के अधिकारियों और कर्मचारियों को शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल सभागार में सम्मानित किया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने एडीएम संजय कुमार सिंह, प्रशिक्षु आईएएस सुश्री मनीषा, डिप्टी आरएमओ नमन पाण्डेय की उपस्थिति में चयनित अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जिले के समर्पित क्रय केंद्र प्रभारी और उनकी टीम ने किसानों के हित में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, समयबद्धता और किसान हितैषी दृष्टिकोण प्रशासन की प्राथमिकता है, और इन केंद्रों का प्रदर्शन इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लक्ष्य से आगे बढ़े लखीमपुर के क्रय केंद्र मेहनत बनी मिसाल
इस बार गेहूं क्रय में लखीमपुर खीरी के क्रय केंद्रों ने न केवल लक्ष्य पूरे किए, बल्कि अपनी मेहनत से आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया। सबसे अग्रणी रहे धीरज गुप्ता (पी.सी.एफ.), जिन्होंने 317.11% लक्ष्य हासिल कर एक मिसाल कायम की। विकास कुमार (भा.ख़ा.नि.गं.) ने 294.38% के साथ दूसरे स्थान पर रहकर किसानों के भरोसे को मजबूत किया। तीसरे स्थान पर गौरव चतुर्वेदी (पी.सी.यू.) रहे, जिनका प्रदर्शन 159% रहा। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने भी शानदार समर्पण दिखाया। बृजेश कुमार सिंह (156.41%), रविशंकर (153.95%), इन्द्रजीत सिंह (139.08%), डॉ. रामदुलार प्रसाद (113.85%), आदित्य सिंह (106.21%), और राजेश राम (101.33%) ने पूरे मनोयोग से किसानों की उपज का मूल्य सुनिश्चित किया। वहीं, शशांक दीक्षित (यूपीएसएस) ने 129% की उपलब्धि के साथ सिस्टम को मजबूती दी।
लक्ष्य से अधिक क्रय कर किसानों का भरोसा जीता
इन केंद्रों ने न केवल अपने निर्धारित लक्ष्यों को पार किया, बल्कि सैकड़ों किसानों को समय पर समर्थन मूल्य का भुगतान दिलाकर भरोसे का नया मानक भी स्थापित किया। यह सफलता जिलाधिकारी की सतत निगरानी, विभागीय समन्वय और निचले स्तर पर ईमानदार क्रियान्वयन का प्रमाण है।
प्रदेश में दूसरा स्थान, लखीमपुर का गौरव
उल्लेखनीय है कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में जनपद लखीमपुर खीरी ने गेहूं खरीद में नया इतिहास रचते हुए प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के पीछे डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की सक्रिय निगरानी, रणनीतिक योजना और किसानों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक है, बल्कि जिले की कृषि व्यवस्था में विश्वास और पारदर्शिता के नए मानक भी स्थापित करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव