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नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। रूसी दूतावास में द्वितीय विश्व युद्ध में फासीवाद पर विजय दिवस यानी ‘विक्टरी डे’ की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस दिन को स्मरण, आशा और वैश्विक सहयोग का प्रतीक बताया। साथ ही, उन्होंने आतंकवाद पर भारत के स्पष्ट और दृढ़ रुख को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा और कहा कि यह साझा वैश्विक खतरा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब भारत आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है- यह एक साझा वैश्विक खतरा है। हम उन सभी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने भारत के साथ एकजुटता प्रकट की है और हमारी सख्त प्रतिक्रिया को समझा है।” उनका यह बयान पहलगाम हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में अहम है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध के समय वैश्विक शक्तियां एकजुट हुई थीं, उसी भावना को आज पुनः जागृत करने की आवश्यकता है। “आज का दिन सिर्फ विजय का नहीं, सहयोग और साझा जिम्मेदारी की भावना को दोहराने का दिन है।
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने भारत के ऐतिहासिक योगदान का भी उल्लेख किया, जिसमें भारतीय सैनिकों की भूमिकाएं बर्मा, उत्तरी अफ्रीका, इटली और पर्शियन कॉरिडोर तक फैली थीं। उन्होंने रूसी दूतावास द्वारा उस योगदान को मान्यता देने के लिए लगाए गए स्मृति पट्ट को सराहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा