रवींद्र जयंती पर आदिवासी समुदाय ने धनुष-बाण के साथ जताया देश की रक्षा के लिए लड़ने का संकल्प
बर्दवान, 09 मई (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच अत्यधिक तनाव के बीच दुर्गापुर में रवींद्र जयंती मनाई गई। इस मौके पर आदिवासी समुदाय के लोगों ने हाथ में धनुष-बाण लेकर भारत माता की जय जयकार करते नजर आए। इस दौरान जनजातीय युवकों ने रवींद्रनाथ टैगोर के चि
आदिवासी समुदाय की रवींद्र जयंती


बर्दवान, 09 मई (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच अत्यधिक तनाव के बीच दुर्गापुर में रवींद्र जयंती मनाई गई। इस मौके पर आदिवासी समुदाय के लोगों ने हाथ में धनुष-बाण लेकर भारत माता की जय जयकार करते नजर आए। इस दौरान जनजातीय युवकों ने रवींद्रनाथ टैगोर के चित्र के सामने भारतीय सेना के साथ खड़े होने की शपथ ली।

मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को रवींद्र जयंती समारोह कांकसा के जंगल महल में आयोजित किया गया। देश के कोने-कोने में रवींद्र जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जा रही है लेकिन कांकसा के जंगलमहल में रवींद्र जयंती अलग तरीके से मनाई गई। जंगल के बीच में स्थित चुआ जनजातीय इलाके में युवाओं ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर विश्व कवि के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उन्होंने 'भारतीय सेना अमर रहे' का नारा लगाया और राष्ट्रगान गाया।

इस मौके पर क्षेत्र के आदिवासी युवाओं ने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान की बर्बर हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। भारत माता के अनेक वीर सपूतों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ सकती है। विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने देशभक्ति दिखाई। इसलिए, उनके जन्मदिन का जश्न मनाते हुए, वे देश की सेना के साथ खड़े रहने की शपथ ले रहे हैं। इसीलिए आज वे अपने हाथों में तीर, धनुष और भाले थामे हुए हैं।

आदिवासी युवाओं ने यह भी कहा कि यदि कभी जरूरत पड़ी तो वे अपने खून की आखिरी बूंद तक भारतीय सेना के साथ खड़े रहने को तैयार हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / गंगा