Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-मंदी से प्रभावित हीरा उद्योग के श्रमिकों और सूक्ष्म इकाइयों को राहत के लिए सरकार का फैसला
सूरत, 24 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हीरा उद्योग में उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण प्रभावित हीरा श्रमिकों और हीरा सूक्ष्म इकाइयों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने विशेष सहायता पैकेज जारी किया है।
सूरत सर्किट हाउस में गृह एवं उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि यह सहायता पैकेज राज्य के हीरा उद्योग के श्रमिकों और इकाइयों को आर्थिक राहत प्रदान करने तथा उद्योग की स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेशभाई पटेल, शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुलभाई पानशेरिया, सांसद मुकेश दलाल की विशेष उपस्थिति रही।
मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि प्रभावित हीरा श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई में कोई बाधा न आए और वे शिक्षा से वंचित न रहें, इसके लिए स्कूल फीस के रूप में सहायता देने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत बच्चों की स्कूल फीस का 100 फीसदी भुगतान किया जाएगा, प्रति बच्चे अधिकतम 13,500 रुपये की सीमा तक एक वर्ष के लिए फीस का भुगतान होगा। यह सहायता डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से स्कूलों को शिक्षा विभाग की प्रक्रिया के अनुसार दी जाएगी।
सहायता के लिए पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिसके तहत 31 मार्च 2024 के बाद रोजगार खोने वाले हीरा श्रमिक सहायता के पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त, हीरा श्रमिक की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, कम से कम तीन वर्षों तक हीरा उद्योग के कारखाने में कार्यरत रहे हों और वर्तमान में हीरा उद्योग में रोजगार से वंचित हों। इसके लिए इस पैकेज की घोषणा के 2 माह के भीतर जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ जिला श्रम अधिकारी/रोजगार अधिकारी का प्रमाणपत्र या डायमंड एसोसिएशन की सिफारिश पत्र तथा बच्चों की स्कूल फीस संबंधी स्कूल का प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा।
इसी प्रकार, हीरा उद्योग की इकाइयों के लिए सहायता की घोषणा करते हुए मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि इकाइयों की स्थिरता के लिए विशेष सहायता निर्धारित की गई है। जिसमें इकाइयों को टर्म लोन की अधिकतम 5 लाख रुपये की राशि पर 9 फीसदी दर से तीन वर्ष (01 जुलाई, 2025 से 30 जून, 2028) तक ब्याज सहायता दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें बिजली शुल्क में भी 1 जुलाई, 2025 से एक वर्ष के लिए छूट देने का निर्णय लिया गया है। इस सहायता के लिए इच्छुक इकाइयों को अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि से एक माह के भीतर जिला उद्योग केंद्र में उद्यम पंजीकरण, लोन स्वीकृति पत्र, जीएसटी पंजीकरण, पिछले तीन वित्तीय वर्षों का टर्नओवर और बिजली उपयोग के प्रमाणपत्र के साथ आवेदन करना होगा।
हीरा उद्योग की इकाइयों के लिए सहायता हेतु पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं, जिसके अंतर्गत सूक्ष्म इकाइयां (प्लांट एवं मशीनरी में 2.5 करोड़ रुपये तक का पूंजी निवेश), इकाई पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2022-23, 2023-24, 2024-25) के दौरान हीरा उद्योग से जुड़ी हो, पिछले वर्ष (2023-24) की तुलना में बिजली उपयोग में 25 फीसदी या उससे अधिक कमी हो तथा इकाई ने 31 मार्च, 2025 से पहले उद्यम पंजीकरण प्राप्त किया हो।
सहायता के लिए प्राप्त आवेदनों की मंजूरी के लिए समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें जिला स्तर की मंजूरी समिति के अध्यक्ष के रूप में कलेक्टर और सदस्यों के रूप में जिला श्रम अधिकारी, जिला रोजगार अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी, लीड बैंक के अधिकारी तथा डायमंड एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जबकि सदस्य सचिव के रूप में जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर होंगे। यह समिति प्रति माह कम से कम दो बार बैठक करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर दक्षेशभाई मावाणी, विधायक संदीपभाई देसाई, संगीताबेन पाटिल, प्रवीनभाई घोघारी, मोहनभाई ढोडिया, शहर संगठन अध्यक्ष परेश पटेल एवं पदाधिकारी तथा उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय