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धर्मशाला, 24 मई (हि.स.)। धर्मशाला में आज उत्तरी क्षेत्र के कृषि अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार चैधरी ने की। इस बैठक में कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा तथा ऊना जिलों के कृषि अधिकारियों ने भाग लिया।बैठक को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ किसानों के खेतों तक समयबद्ध रूप से पहुंचाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि हर किसान की जेब में एटीएम की तरह किसान क्रेडिट कार्ड होना चाहिए ताकि वे कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा का लाभ उठा सकें। उन्होंने सभी पात्र अधिकारियों को भी अपने-अपने किसान केडिट कार्ड बनवाने को कहा ।
मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का पंजीकरण किया जाए, जिससे मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हो सके। उन्होंने भूमि की मैपिंग, कृषि योग्य भूमि की स्थिति का आकलन तथा विभिन्न फसलों के अनुरूप क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया।
सिंचाई की सुविधा को दुरुस्त करने हेतु मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे पुरानी कुहलों और सिंचाई स्रोतों का अध्ययन करें और भू-संरक्षण अधिकारी अगली बैठक में जल क्षमता वृद्धि और कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होंने वर्षा जल संग्रहण प्रणाली तथा नलकूपों की स्थापना पर भी जोर दिया।
मंत्री ने निष्क्रिय पड़े कृषि फार्मों को सक्रिय कर उनमें एग्रो टूरिज्म और नवाचार आधारित गतिविधियां आरंभ करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि सभी फार्मों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही मिट्टी परीक्षण की महत्ता को रेखांकित करते हुए कृषि मंत्री ने अधिक से अधिक किसानों की भूमि का परीक्षण सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाओं को बढ़ावा देने की भी बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया