निष्पक्षता और पारदर्शिता दिखाते हुए जेपीएससी श्रेणीवार परिणाम प्रकाशित करे : प्रतुल
रांची, 24 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने झारखण्ड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के जरिये मुख्य परीक्षा के निकाले गए परिणाम पर प्रश्न खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी वेबसाइट के जरिये यह बताता है कि उसे निष्पक्ष
भाजपा  प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव


भाजपा प्रवक्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए


रांची, 24 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने झारखण्ड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के जरिये मुख्य परीक्षा के निकाले गए परिणाम पर प्रश्न खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी वेबसाइट के जरिये यह बताता है कि उसे निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। लेकिन असलियत में ऐसा कुछ हो नहीं रहा है। प्रतुल ने शनिवार को प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये ये बातें कही।

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का आर्टिकल 15 और 16 एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को आरक्षण की सुविधा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस एवं अन्य श्रेणियां में भी आरक्षण का प्रावधान है। परंतु जेपीएससी ने किसी लॉटरी की तरह परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि एससी, एसटी ,ओबीसी एवं अन्य आरक्षित वर्गों को निर्धारित कोटा मिला या नहीं? इतना हू नहीं, ढाई गुना से ज्यादा विद्यार्थियों को इंटरव्यू में बुलाने की प्रक्रिया का पालन भी हुआ या नहीं? अगर आरक्षण के श्रेणीवार कोटा को स्पष्ट करते हुए परिणाम निकाला जाता, तो सिस्टम में पारदर्शिता दिखती। अभ्यर्थियों को भी स्पष्ट होता कि मेरिट में उनकी क्या स्थिति है?

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कार्मिक विभाग ने 19 दिसंबर, 2023 को गजट नोटिफिकेशन के जरिये झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन रूल्स 2023 को लागू किया था। इस अधिसूचना में ही यह स्पष्ट किया गया है कि अलग-अलग वर्गों के लिए अलग-अलग कटऑफ मार्क्स होगा। जिसमें एससी, एसटी, महिलाएं ,अति पिछड़ा वर्ग एनेक्सचर-1, पिछड़ा वर्ग एनेक्सचर-2 ,आदिम जनजाति और ईडब्ल्यूएस शामिल है।इसी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट लिखा गया है कि मुख्य परीक्षा के लिखित परिणाम में हर कैटेगरी के ढाई गुना से ज्यादा अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर कट ऑफ मार्क्स को भी कम करने का प्रावधान दिया गया है। लेकिन जेपीएससी द्वारा प्रकाशित रिजल्ट में किसी भी श्रेणी का उल्लेख नहीं है,जो कि संदेह पैदा करता है।

प्रतुल ने कहा कि परीक्षा परिणाम से यह भी संदेह उत्पन्न होता है कि आरक्षित वर्गों को उनका हक मिल पाया या नहीं? या एक बार फिर से झारखंड से बाहर के अभ्यर्थियों का ज्यादा चयन किया गया है? उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और जेपीएससी को भी चाहिए कि वह अविलंब श्रेणीवार परीक्षा परिणाम प्रकाशित करे। अन्यथा एक बार फिर से जेपीएससी की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ जाएगी । प्रेस वार्ता में सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे