त्रिपोली में बढ़ते तनाव के बीच मिस्र ने 71 नागरिकों को लीबिया से सुरक्षित वापस बुलाया
काहिरा, 24 मई (हि.स.)। त्रिपोली में हालिया हिंसक झड़पों और राजनीतिक अस्थिरता के बीच मिस्र सरकार ने अपने 71 नागरिकों को लीबिया से सुरक्षित स्वदेश वापस बुला लिया है। शनिवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह पूरी प्रक्रिया स
त्रिपोली में बढ़ते तनाव के बीच मिस्र ने 71 नागरिकों को लीबिया से सुरक्षित वापस बुलाया


काहिरा, 24 मई (हि.स.)। त्रिपोली में हालिया हिंसक झड़पों और राजनीतिक अस्थिरता के बीच मिस्र सरकार ने अपने 71 नागरिकों को लीबिया से सुरक्षित स्वदेश वापस बुला लिया है। शनिवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह पूरी प्रक्रिया सरकार द्वारा वित्तपोषित थी और इससे वापसी करने वालों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं डाला गया।

मंत्रालय के अनुसार, ये नागरिक इजिप्टएयर की एक विशेष उड़ान के जरिये देश लौटे। यह कदम राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी के उस निर्देश के तहत उठाया गया, जिसमें उन्होंने लीबिया में रह रहे मिस्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वेच्छा से लौटने की इच्छा रखने वालों के लिए सुगम पुनर्वास की व्यवस्था करने का आदेश दिया था।

लीबिया की राजधानी त्रिपोली में 12 मई से हालात गंभीर हो गए थे, जब स्टैबिलिटी सपोर्ट अपरेटस (एसएसए) और प्रधानमंत्री अब्दुल-हमीद दबैबा के प्रति वफादार 444 ब्रिगेड के बीच भारी संघर्ष शुरू हो गया। यह हिंसा उस समय भड़की जब एक एसएसए कमांडर की कथित तौर पर 444 ब्रिगेड के नियंत्रण वाले ठिकाने में हत्या कर दी गई।

हालांकि, बीते सप्ताह एक संघर्षविराम पर सहमति बनी है। लीबिया की राष्ट्रपति परिषद और संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएसएमआईएल) ने मिलकर एक संयुक्त संघर्षविराम समिति गठित की है, जिसका उद्देश्य तनाव कम करना, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और संघर्ष की पुनरावृत्ति को रोकना है।

लीबिया 2011 में मुअम्मर गद्दाफी की सत्ता से बेदखली के बाद से ही राजनीतिक विखंडन और अस्थिरता का सामना कर रहा है। वर्तमान में देश दो सरकारों में बंटा हुआ है. एक ओर राजधानी त्रिपोली में स्थित अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार (जीएनयू) और दूसरी ओर लीबियाई नेशनल आर्मी (एलएनए) समर्थित पूर्वी प्रशासन।

त्रिपोली और जीएनयू के नियंत्रण वाले इलाकों में कई सशस्त्र गुट सक्रिय हैं, जो अक्सर सत्ता, संसाधनों और राजनीतिक प्रभाव के लिए एक-दूसरे से भिड़ते रहते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय