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नई दिल्ली, 24 मई (हि.स.)। चुनाव आयोग ने आज अपने कानूनी सलाहकारों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य आयोग की कानूनी रूपरेखा को मजबूती देना और नई चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करना है।
सम्मेलन में यह ज़ोर दिया गया कि कानूनी प्रक्रिया विरोध की भावना के बजाय संवाद पर आधारित हो। सभी पक्षों को पर्याप्त सुनवाई का अवसर मिलना चाहिए।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली स्थित आईआईआईडीईएम में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी उपस्थित रहे।
दिनभर चले इस सम्मेलन में चुनाव कानून, न्यायिक प्रक्रिया और कानूनी सुधारों पर चर्चा हुई। आयोग ने अपनी कानूनी टीम की तैयारी, समन्वय और दक्षता को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया। इसका मकसद विभिन्न न्यायिक मंचों पर अपनी कानूनी प्रस्तुति को और प्रभावी बनाना है।
सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट और देश के 28 उच्च न्यायालयों और बेंच के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) और आयोग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त आयोग ने शुक्रवार को आईआईआईडीईएम में एक और सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें सभी सीईओ शामिल हुए। इस बैठक में आयोग की आईटी पहलों की योजना पर चर्चा की गई। चुनाव आयोग ने 2025 में एकीकृत डैशबोर्ड 'ईसीआईनेट' विकसित करने की योजना शुरू की है। यह डैशबोर्ड सभी संबंधित डेटा को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा और ईसीआई की सभी आईसीटी पहलों को एक सूत्र में जोड़ेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा