Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गुवाहाटी/नई दिल्ली, 24 मई (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में देश के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात कर ‘एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अधोसंरचना शिखर सम्मेलन’ के दौरान की गई निवेश प्रतिबद्धताओं को शीघ्र क्रियान्वित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री सरमा ने वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की और फरवरी में गुवाहाटी में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान की गई निवेश प्रतिबद्धता को धरातल पर लाने की दिशा में तेजी से काम करने का अनुरोध किया। अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वेदांता ग्रुप असम के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राज्य के हाइड्रोकार्बन सेक्टर में अपने निवेश का दायरा बढ़ाने को उत्सुक है।
बाद में मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर लिखा, “आज नई दिल्ली में वेदांता ग्रूप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल से मुलाकात की। हमने एडवांटेज असम 2.0 के तहत की गई निवेश प्रतिबद्धता को साकार करने को लेकर चर्चा की। वेदांता असम के हाइड्रोकार्बन सेक्टर में विस्तार को लेकर गंभीर है।”
इसके बाद मुख्यमंत्री ने आईटीसी होटलों के प्रबंध निदेशक अनिल चड्ढा से भी उनके निवास पर मुलाकात की और असम के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। चड्ढा ने बताया कि उनकी कंपनी असम में आतिथ्य क्षेत्र में निवेश के अवसरों को लेकर काफी उत्साहित है।
मुख्यमंत्री कार्यालय, असम ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी, “आईटीसी होटलों के प्रबंध निदेशक अनिल चड्ढा ने आज नई दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा से मुलाकात की। उन्होंने असम के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की और राज्य में विस्तार के लिए रुचि जताई।”
उल्लेखनीय है कि एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन के दौरान अगले पांच वर्षों में कुल 5.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री सरमा इन निवेश प्रस्तावों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं और 26 मई को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ एक-के-बाद-एक बैठकें करेंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, मुख्यमंत्री कंपनियों के साथ व्यक्तिगत चर्चा कर रहे हैं कि कैसे इन निवेशों को जमीन पर उतारा जाए, उन्हें किस तरह की सुविधाएं चाहिए होंगी, और भूमि की आवश्यकता क्या होगी। अगले छह माह में इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। अगर घोषित निवेश का एक बड़ा हिस्सा भी हकीकत में बदला, तो असम पूर्वोत्तर ही नहीं बल्कि देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में से एक बन सकता है। इसलिए अब सारा ध्यान कार्यान्वयन और निष्पादन पर है ताकि ये निवेश रोजगार सृजन, अधोसंरचना विकास और राज्य की दीर्घकालिक अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकें।”
प्रदेश सरकार की योजना है कि चालू वित्त वर्ष में निवेश प्रस्तावों का गहराई से विश्लेषण कर एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। इस रोडमैप में भूमि आवंटन, व्यापार में सहूलियत और प्रोत्साहन नीति जैसे अहम पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि परियोजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रह जाएं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश