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जयपुर, 22 मई (हि.स.)। वक्फ संशोधन कानून वापस लेने की मांग को लेकर गुरुवार को राजधानी के शहीद स्मारक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने धरना दिया। साथ ही संशोधन बिल के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। महिलाओं और पुरुषाें ने हाथों में वक्फ संशोधन कानून वापस लेने की मांग जैसी तख्तियां भी ले रखी थी। धरने के दौरान वक्ताओं ने एक स्वर में देश के नए वक्फ संशोधन कानून को किसी भी तरह से मानने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेगी तब हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान बनाया उसमें सभी को समानता का अधिकार दिया है। लेकिन केवल एक ही समुदाय में सुधार और बदलाव की बात क्यों की जाती है? नए वक्फ कानून के तहत कलेक्ट्रेट जैसे भ्रष्ट डिपार्टमेंट को वक्फ का होलसेल बनाया गया है। जबकि न्यायपालिका को गलत ठहराया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा।
मुस्लिम तेली महापंचायत के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको ने कहा कि हमारी मांग तो यह है कि केंद्र सरकार को पूरा वक्फ संशोधन कानून ही वापस लेना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून के जरिए सरकार मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेना चाहती है। उसकी नीयत ठीक नहीं है। हम पूरी ताकत से आंदोलन करेंगे। आज केवल सांकेतिक धरना था,आगे हम अनिश्चितकालीन धरने और कई अन्य तरीके से भी विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि आज देश में दूसरे धर्म के लोग भी समझ गए हैं कि किस तरह से केंद्र सरकार मुसलमान को परेशान कर रही है।
जामा मस्जिद कमेटी के पूर्व सचिव अनवर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं, लेकिन उनको समझना चाहिए कि देश भी शरीर की तरह से है। अगर शरीर का एक हिस्सा,हाथ या पैर में तकलीफ है तो उसे स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है। वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों से ही विचार किए बिना बनाया गया है,जिसे केंद्र सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए। जिस तरह से केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कानून बनाकर उन पर थोप दिया था और कई किसानों की शहादत के बाद उसे वापस लिया गया। हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि मुस्लिमों की भावनाओं को समझें और इस कानून को वापस लें, आज सांकेतिक धरना है आगे और कुर्बानी देनी पड़ेगी तो हम पीछे नहीं हटेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश