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कानपुर, 20 मई (हि.स.)। सार्वजनिक नीति से जुड़े अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया यह ट्रेनिंग कार्यक्रम डेटा-आधारित गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह ट्रेनिंग कार्यक्रम वाधवानी स्कूल ऑफ एआई एंड इंटेलिजेंट सिस्टम्स के तत्वावधान में आयोजित पहला कार्यक्रम है। हमें आशा है कि आने वाले समय में भी ऐसे ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोज होता रहेगा। जो प्रभावशाली परिणामों की ओर ले जाएंगे। यह बातें मंगलवार को आईआईटी कानपुर निदेशक प्रो मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय पौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में इकॉनिमक साइंस विभाग और वाधवानी सेंटर फॉर एआई पॉलिसी एंड आउटरीच के साझा प्रयास से पांच दिनों तक चलने वाले एक ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हो गई है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का नाम ट्रेनिंग, इकोनॉमिक्स, पब्लिक पॉलिसी डेटा आधारित गवर्नेंस पर प्रशिक्षण है। इस प्रोग्राम को नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) द्वारा प्रायोजित किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 से 23 मई तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) के डायरेक्टर सुरेंद्र बागड़े ने गवर्नेंस और नीति-निर्माण में टेक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम अधिकारियों को डेटा-केंद्रित गवर्नेंस के बारे में जानकारी देंगे. यह कार्यक्रम एक साझेदारी की शुरुआत को दर्शाता है और हमें आशा है कि यह भविष्य के प्रशिक्षण प्रयासों के लिए एक मानक स्थापित करेगा।
बता दें कि 5 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग प्रग्राम के जरिए भारत के अलग-अलग मंत्रालयों में काम कर रहे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को डिजिटल गवर्नेंस के बारे में जानकारी हासिल करने का मौका मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप