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कानपुर, 15 मई (हि.स.)। हाल के वर्षों में आईआईटी कानपुर रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुद्धिमान प्रणालियों, साइबर सुरक्षा, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे गहरे तकनीकी क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुवाद संबंधी शोध में शामिल रहा है। हम मौलिक शोध को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ जोड़ने में विश्वास करते हैं। यह बातें गुरुवार को आईआईटी कानपुर निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेंट्रल कमांड का संस्थान के शोध समुदाय के साथ गहन सम्पर्क और परिसर में चल रहे अभिनव प्रयासों और शोध उत्कृष्टता से जुड़ने के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम में स्वागत किया। इस यात्रा ने शिक्षाविदों और सेना के बीच निरंतर संवाद के लिए मंच तैयार किया। जिसका उद्देश्य विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अकादमिक प्रगति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए लाभकारी हो।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आईआईटी कानपुर से उभर रहे अनुसंधान और नवाचार की गहराई को देखना उत्साहजनक है। इस तरह के सहयोग से हमारी स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने की अपार सम्भावनाएं हैं। साथ मिलकर काम करके, हम वास्तविक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं। सेना कमांडर का दौरा सेना और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सहयोग बनाने के साझा संकल्प को दर्शाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप