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धमतरी, 14 मई (हि.स.)। एक ओर जहां अंचल के अधिकांश किसानों की धान फसल की कटाई- मिंजाई हो रही है, तो वहीं देर से धान की रोपाई-बोआई करने वालों किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही है क्योंकि आए दिन मौसम बार-बार बदल रहा है। जिले के कई गांवों में धान की तैयार फसल चटाई की तरह बिछ गई है, जिससे किसान हताश-परेशान हैं। किसान संभावित नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
पखवाड़े भर से जिले का मौसम खराब है। कभी तेज वर्षा तो कभी तेज आंधी-तूफान चलने लगता है, इसका सीधा असर खेतों में तैयार हो रही फसल पर पड़ता है। कई खेतों में जमा पानी निकल नहीं पाया है और फिर से तेज गर्जना के साथ वर्षा होती है तो किसान परेशान हो जाते हैं। अचानक मौसम परिवर्तन ने धान फसल की कटाई-मिंजाई में जुटे किसानों की धड़कनें बढ़ा दी है, क्योंकि धान फसल लेने वाले अधिकांश किसानों के खेतों में धान फसल पककर तैयार है और कटाई-मिंजाई में किसान व्यस्त है।
किसान घनाराम साहू, गैंदलाल, कोमल राम आदि ने बताया कि यदि बेमौसम बारिश होती है, तो किसानों के खेतों में तैयार धान फसल प्रभावित होगी। कटाई-मिंजाई थम जाएगी। धान फसल के खराब होने की आशंका बढ़ जाएगी। शहर से लगे हुए ग्राम भानपुरी, खपरी, रांवा, तेलीनसत्ती, इर्रा, कोर्रा, पीपरछेड़ी सहित कई गांव में तैयार हो रही धान की खेत में गिर गई है। कई खेतों में पानी जमा है, खेतों में जमा पानी को निकालने में किसानों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है। ग्राम श्यामतराई के किसान केवल राम साहू, प्रेम कुमार देवांगन ने बताया कि खेतों में जमा हो गए पानी को निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। किसान जगत राम साहू ने बताया कि खेतों में पानी जमा होने से डर बना रहता है। तेज हवा चलने से कई दफे धान की तैयार हो रही फसल खेतों में गिर जाती है, यदि इस दौरान खेतों में पानी जमा हो तो फसल के गलने का अंदेशा बना रहता है। ग्राम पंचायत देमार सहित अन्य गांव में इसी तरह की स्थिति देखी जा सकती है। ग्राम पंचायत भटगांव के रोहित साहू ने बताया कि खेतों से पानी सूख रहा था कि एक दिन पहले हुई तेज बारिश से फिर से खेतों में पानी जमा हो गया है, जिससे फसल के नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है यदि जल्दी मौसम नहीं खुलता है तो इस साल नुकसान का अंदेशा है।
उत्पादित धान को सुखा रहे किसान
हार्वेस्टर से रबी धान फसल की कटाई-मिंजाई के बाद किसानों को राहत है, लेकिन मशीन से कटाई कराने पर उत्पादित धान में नमी रहती है। ऐसे में धान को घर के आंगन व ब्यारा में सुखाना पड़ रहा है। इन दिनों क्षेत्र के ग्राम डाही, लोहरसी, परसतराई, खरतुली, मुजगहन, पोटियाडीह समेत कई गांवों के गलियों व मैदानों पर किसान धान को सुखा रहे हैं, क्योंकि नमी वाले धान को मंडी में नहीं खरीदते हैं। पूरी तरह से सूखे हुए धान को मंडी में अच्छा दाम मिलता है, इसलिए किसान पूरी तरह से सुखाकर ही बेचने के लिए ले जाते हैं। हार्वेस्टर से कटाई-मिंजाई करने वाले सभी किसानों को धान सुखाना पड़ रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा