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एथेंस, 14 मई (हि.स.)। ग्रीस का कासोस द्वीप आज शक्तिशाली भूकंप के झटको से दहल गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 दर्ज की गई। 14 किलोमीटर की गहराई पर आया यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसे मध्य इजराइल, मिस्र, लीबिया, तुर्किये और पूरे पूर्वी भूमध्य सागर में महसूस किया गया।
अमेरिका के एबीसी न्यूज चैनल के अनुसार, हालांकि भूकंप के कारण तत्काल किसी तरह के नुकसान या हताहतों की सूचना नहीं मिली है, लेकिन इसने डर पैदा कर दिया। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह ग्रीस के निकट 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। ग्रीस आपातकालीन प्रबंधन ने भूकंप के बाद संभावित सुनामी के खतरे की चेतावनी दी और लोगों से तट से तुरंत दूर चले जाने को कहा। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि भूकंप का केंद्र ग्रीस के फ्राई से नौ मील दक्षिण में स्थित है।
ग्रीस सिटी न्यूज के अनुसार, भूकंप विज्ञानियों ने कहा कि झटकों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। चिंता की कोई बात नहीं है। सेंटोरिनी या तुर्किये में हाल ही में हुई भूकंपीय गतिविधि से इसका कोई संबंध नहीं है। मुख्य भूकंप सुबह 1:51 बजे आया। यह कासोस और कारपाथोस के बीच समुद्री क्षेत्र में केंद्रित था। जियोडायनामिक इंस्टीट्यूट ने भूकंप का केंद्र कासोस से 20 किलोमीटर दक्षिण में, 64.4 किलोमीटर की फोकल गहराई पर रखा।
यूरो मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर ने 6.1 तीव्रता के भूकंप का केंद्र कारपाथोस से 38 किलोमीटर दक्षिण और 71 किलोमीटर की गहराई पर बताया है। सेंटर ने कहा कि इसके झटके क्रेते और रोड्स में महसूस किए गए। शुरुआती भूकंप के बाद, उसी अपतटीय क्षेत्र में दो छोटे झटके महसूस किए गए। पहला झटका सुबह 3:30 बजे आया, जिसकी तीव्रता 2.8 रही। दूसरा झटका सुबह 3:57 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। इसका केंद्र कासोस से 15 किलोमीटर दक्षिण में 47.2 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
भूकंप नियोजन और संरक्षण संगठन के अध्यक्ष एफथिमिस लेक्कास ने जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्राथमिक भूकंप एक एक बार की घटना प्रतीत होती है। जो इस क्षेत्र में गहरे केंद्रित भूकंपों की विशेषता है। भूकंप की गहराई, जो लगभग 60 किलोमीटर है, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस गहराई का मतलब है कि कासोस और कारपाथोस जैसे आबादी वाले क्षेत्रों में जमीन के हिलने की तीव्रता कम हो गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेंटोरिनी या तुर्किये में हुई भूगर्भीय हलचल से इसका कोई संबंध नहीं है। सेंटोरिनी एक ज्वालामुखीय चाप के भीतर स्थित है। यह पूरी तरह से अलग भूवैज्ञानिक संरचना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद