अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ गुरुवार को मनाएगा वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस
नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस के पवित्र अवसर पर उत्सव का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम गुरुवार को डॉ. बीआर अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्र
संस्कृति मंत्रालय का लोगो


नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस के पवित्र अवसर पर उत्सव का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम गुरुवार को डॉ. बीआर अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और मुख्य अतिथि संस्कृति, पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत होंगे।

कार्यक्रम में प्रार्थना और 'संघर्ष समाधान में बुद्ध धम्म का अनुप्रयोग' विषय पर विचारोत्तेजक पैनल चर्चा होगी। इसके साथ तिब्बत हाउस के निदेशक गेशे दोरजी दामदुल, बौद्ध अध्ययन के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. हीरा पॉल गंग नेगी और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पाली व बौद्ध अध्ययन के प्रोफेसर प्रो. बिमलेंद्र कुमार सहित प्रतिष्ठित बौद्ध विद्वान-भिक्षु और क्षेत्र विशेषज्ञ बुद्ध की शिक्षाओं की कालातीत प्रासंगिकता पर अंतर्दृष्टि साझा करेंगे।

बुधवार को संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार कार्यक्रम में प्रतिष्ठित बौद्ध भिक्षुणी ग्यालत्सेन समतेन का विशेष संबोधन होगा तथा सुप्रसिद्ध गायिका सुभद्रा देसाई द्वारा रत्न सुत्त का गायन किया जाएगा।

इस दिन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को उजागर करते हुए दो प्रमुख प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। प्रदर्शनियों में भारत का तुलनात्मक बौद्ध कला इतिहास

और बुद्ध का जीवन और शिक्षाएं शामिल हैं।

ये प्रदर्शनियां वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस 2025 समारोह का हिस्सा थीं, जो चार वियतनामी शहरों में सारनाथ से बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी के साथ आयोजित की गई थी।

इस दौरान एशिया में बुद्ध धम्म के प्रसार पर एक वृत्तचित्र और बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी पर एक फिल्म भी दिखाई जाएगी। इस साल वैशाख की पूर्णिमा 12 मई को थी, लेकिन इस अवसर की पवित्रता के कारण पूरे महीने उत्सव मनाया जाता है। 15 मई को होने वाला यह समागम वैशाख दिवस के वैश्विक और महीने भर चलने वाले उत्सव का हिस्सा है। स्मरणोत्सव का समापन कलाकार गुरु अल्पना नायक और उनकी मंडली द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ होगा, जिसमें बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरित आध्यात्मिक और कलात्मक विरासत का जश्न मनाया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी