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नगर आयुक्त ने गृहकर की परिधि से छूटे फ्लैटों को चिन्हित कर 31 मई तक कर के दायरे में लाने का दिया निर्देश
वाराणसी,14 मई (हि.स.)। वाराणसी नगर निगम शहरी क्षेत्र में पहली बार गृहकर, जलकर, सीवरकर का एकीकृत बिल जारी करेगा। इसमें
बहुमंजिली इमारतों में बने फ्लैट्स जो कर की परिधि से बाहर हैं, या छूटे हुये हैं, उन्हे भी 31 मई तक कर के दायरे में लाने के लिए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने निर्देश दिया है।
नगर निगम सभागार में बुधवार को नगर आयुक्त ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में गृहकर, जलकर, सीवरकर वसूली के लिए समीक्षा बैठक की। इसको लेकर अधिकारियाें को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम एवं जलकल के सभी राजस्व निरीक्षकों को निर्देशित किया माह के अंत तक संयुक्त अभियान चलाकर इस कार्य को पूरा करें। जीआईएस में छूटे ऐसे भवनों को जलकल विभाग एवं नगर निगम संयुक्त रूप से भवनों का सत्यापन कर बिल निर्गत करें। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि गृहकर, जलकर व सीवरकर का बिल पहली बार एकीकृत जारी किया जा रहा है। इस संबंध में भवन स्वामी को कोई जानकारी या समस्या आने पर प्राथमिकता के आधार पर नगर निगम एवं जलकल के कर्मचारी आपस में समन्वय स्थापित करें। जोनल अधिकारी के माध्यम से ऐसे समस्याओं का निस्तारण कराया जाए। जिससे भवन स्वामी को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये। बैठक में जानकारी प्राप्त हुई कि जलकल विभाग की ओर से मैनुअल जलकर एवं सीवरकर जमा किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष से जलकल विभाग मैनुअल वसूली नहीं करेगा।
नगर आयुक्त ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास के सत्यापन की समीक्षा की। समीक्षा में सभी जोनल अफसरों ने बताया कि राजस्व निरीक्षकों के माध्यम से आवेदनों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया कि 31 मई तक शत प्रतिशत आवेदनों के सत्यापन का कार्य कार्य पूर्ण करायें। बैठक में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी राकेश कुमार सोनकर, समस्त जोनल अधिकारी, सचिव, जलकल ओ0पी0 सिंह, परियोजना अधिकारी डूडा निधि बाजपेयी भी मौजूद रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी